उपेंद्र सुमन
कवाई (मातृभूमि न्यूज़)। कवाई कस्बे के आसपास कई गांवों में लंपी बीमारी ने दी दस्तक, गाय में दिखे लंपी वायरस रोग के लक्षण से पशुपालक चिंतित, जिसे हम गोमाता कहते हैं पूजते हैं उस पर आज लंपी बीमारी का कहर बरस रहा है जिससे कई गो माताओं ने अपने प्राण त्याग दिए। प्राप्त जानकारी के अनुसार लंम्पि वायरस कोरोना से भी ज्यादा खतरनाक है गौमाता लंम्पि वायरस की चपेट में आने के बाद पूरे शरीर पर घूमडी जैसे दापोड पपोले हो जाते हैं धीरे धीरे गौमाता शुकड ने लग जाती है और कुछ ही दिनों में अपने प्राण त्याग देती है पशुधन प्रसार अधिकारी लाखन मीणा ने बताया लंम्पी के लक्षण जैसे दिखे 4 केस दाता मोतीपुरा,1 केस कुकरतालब में पशुपालक जगमोहन मीणा कुकर तालब ने बताया कि मेरी गया चारा पानी नही खा रही तो मैंने मौके पर जाकर गाय को देखा तो गाय के लंम्पी जैसे लक्षण दिखे और उसका प्राथमिक उपचार किया गाय को और जानवरों से अलग करवाया लगातार देखरेख करने की सलाह दी
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ग्रामीणों ने बताया कि अभी पूर्ण तरीके से टीकाकरण नहीं हुआ गांव के कुछ लोगो ने इसका देशी उपचार भी करने की कोशिश की मगर कोई असर नहीं दिखा ग्रामीणों ने
प्रशासन से जल्द से जल्द टीकाकरण पूर्ण करने की मांग की पशुपालक प्रदीप मीणा ने बताया हमारी गाय व बछड़े तबीयत बहुत ज्यादा बिगड़ रही है कंपाउंडर ने चेक करने पर कहा कि इसके लंम्पि जैसे लक्षण लग रहे हैं गाय करीबन 3 लीटर दूध देती थी आज इस बीमारी के प्रकोप से इतनी जुज़ रही है कि अगर सही समय पर इलाज नहीं हुआ तो प्राण त्याग देगी।
नोडल अधिकारी अटरू कमल मीणा ने बताया अभी कंफर्म नहीं हुआ हालांकि सैंपल लेकर बारां बेज दिए हैं वहां से रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगा यह जो घटाने हो रही है वह मच्छरों से भी हो जाती है पिछली बार लंबी आई थी तो अभी संभावना कमी है आने की पर आ सकती है अटरू क्षेत्र में 7256 टिके लगा चुके हैं और बारां से टीमें गठित कर टीके लगवाए जा रहे हैं गौशालाओं में भी 970 टीके लगाए जा चुके हैं।