दुष्यंत सिंह गहलोत
कोटा (मातृभूमि न्यूज़)। पत्र में गहलोत ने लिखा मुख्यमंत्री श्रमजीवी पत्रकारों को भी अधि स्वीकृत पत्रकारों के बराबर योजनाओं का लाभ दिया जाए। राज्य सरकार की ओर से जब भी कोई पत्रकारों के लिए योजना लागू की जाती है तो उसमें अधि स्वीकृत पत्रकारों को ही उन योजनाओं का लाभ मिल पाता है इससे वर्षों से श्रम कर रहे मेहनत कश पत्रकारों को कोई भी लाभ नहीं मिल पाता और वह वंचित रह जाते हैं इसका लाभ बार-बार अधि स्वीकृत पत्रकार को ही मिल जाता है।
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विभिन्न एजेंसियों में सैकड़ों पत्रकार श्रमजीवी है उन्हें कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है अतः श्रीमान से निवेदन है कि राज्य सरकार द्वारा जो भी योजना पत्रकारों के हितार्थ निकाली जाती है उसमें श्रमजीवी पत्रकारों को भी शामिल किया जाए। जिससे उनके बच्चों और उन्हें भी लाभ मिल सके ।श्रमजीवी पत्रकारों को संस्थाओं में काम करते बरसों होने के बावजूद भी अभी तक राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार से कोई लाभ नहीं मिल रहा है। श्रमजीवी पत्रकारों को आज तक बस रेलवे हवाई जहाज तथा आवास योजना और अन्य पत्रकारों को एजुकेशन उनके बच्चों को स्कॉलरशिप आदि की कोई आज तक लाभ मिल पाया है श्रमजीवी पत्रकार को वेतन भी ढंग से नहीं मिल पाता है कई संस्थाओं की स्थिति तो यह है कि उन्हें समय पर वेतन भी नहीं मिल रहा है जिससे घर का पालन पोषण करना भी दुर्लभ हो जाता है इसके बावजूद भी उन्हें कोई सुविधा सरकार की तरफ से आज तक नहीं मिली है और नहीं उन्हें कोई लाभ दिया गया है जिससे वह स्वयं को ठगा सा महसूस करते हैं जबकि श्रमजीवी पत्रकार अपनी मेहनत और लगन से ईमानदारी के साथ कवरेज कर सरकार की बात योजनाओं को आम जनता तक पहुंचाने में अपनी महत्व भूमिका निभा रहे हैं राज्य में जो भी सरकार आती है वह केवल अधि स्वीकृत शब्द को जोड़कर श्रमजीवी पत्रकारों के साथ अन्याय किया जा रहा है अतः श्रीमान जी से निवेदन है कि इन श्रमजीवी पत्रकारों के भविष्य उनके बच्चों के बारे में ही विचार किया जाए और उन्हें भी इनके बराबरी दर्जा दिया जाए और सुविधाओं का लाभ दिलाया जाए।श्रमजीवी पत्रकारों को मेडिकल की सुविधा भी नहीं मिल पाती है वह चिरंजीवी योजना के माध्यम से ही लाभ मिलता है जबकि अधीक्षक ने पत्रकारों को डायरी बनाई गई है उन्हें लैपटॉप भी दिए जाते हैं लेकिन श्रमजीवी पत्रकारों को कोई लाभ नहीं दिया जाता।