जयपुर (मातृभूमि न्यूज़)। जमाअते इस्लामी हिन्द, राजस्थान के प्रदेश स्तरीय सचिवों की एक बैठक आज प्रदेशाध्यक्ष मुहम्मद नाज़िमुद्दीन की अध्यक्षता में, जमाअत के प्रदेश कार्यालय में हुई। बैठक में देश एवं प्रदेश के वर्तमान हालात पर विचार विमर्श किया गया तथा विशेष रूप से प्रदेश में निरंतर एवं सुनियोजित ढंग से साम्प्रदायिक वैमनस्य को बढ़ावा देने के प्रयासों पर चिंता व्यक्त की गई।

बैठक में निम्नलिखित प्रस्ताव पारित किये गए- उदयपुर में हुई कन्हैया लाल की हत्या अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण तथा निंदनीय है। यह बैठक कन्हैया लाल के हत्यारों को कड़ी सज़ा देने की मांग करती है।, यह बैठक मानती है कि देश में क़ानून का शासन है तथा किसी को भी सज़ा देने का अधिकार केवल न्यायपालिका को है, कोई भी व्यक्ति, समूह या भीड़ न्यायालय के अधिकारों का अतिक्रमण नहीं कर सकती।, हत्या के आरोपियों को गिरफ़्तार कर लिया गया है अतः हमें न्यायालय पर विश्वास करना चाहिये कि उन्हें कड़ी सज़ा मिलेगी।, बैठक का मानना है कि जिस प्रकार हत्यारों को सज़ा देने के लिए प्रदेश में विभिन्न स्थानों पर जलूस एवं प्रदर्शन आयोजित किये जा रहे हैं और उनमें एक समुदाय के विरुद्ध घृणा उत्पन्न करने वाले नारे लगाए जा रहे हैं, इससे ऐसा लगता है कि इन प्रदर्शनों की आड़ में सुनियोजित ढंग से दो सम्प्रदायों के बीच नफ़रत पैदा कर के राजनीतिक लाभ हासिल करने और वोटों का ध्रुवीकरण करने का प्रयास किया जा रहा है जिसकी किसी को भी अनुमति नहीं दी जानी चाहिये। हाल ही में जब हत्या के आरोपियों को न्यायालय में पेशी के बाद पुलिस वापस ले कर जा रही थी तो वकीलों के एक समूह ने उन पर हमला कर दिया। यह चिंता का विषय है जिससे अराजकता की स्थिति पैदा हो सकती है। हम यह समझते हैं कि यह न्यायालय का अपमान है। सज़ा देना न्यायालय का काम है न कि वकीलों का, अतः क़ानून अपने हाथ में लेने वाले वकीलों को चिह्नित कर के उनके विरुद्ध आपराधिक मुक़द्दमे दर्ज किये जाने चाहिएं। यह बैठक सरकार से मांग करती है कि प्रदेश में साम्प्रदायिक स्थिति को बिगड़ने से बचाने के लिए ठोस क़दम उठाए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

%d bloggers like this: