फिरोज़ खान

बारां (मातृभूमि न्यूज़)। सामरिक महत्व के खनिज पोटाश के खनन हेतु राजस्थान के खान मंत्री प्रमोद जैन भाया के नेतृत्व में उच्च स्तरीय दल द्वारा 13 सितम्बर को जर्मनी में जर्मन कम्पनी के साथ विचार-विमर्ष शुरू किया गया।

पोटाष जिसका वर्तमान में भारत अपनी आवशयकताओं के लिए आयात करता है उसकी खोज में गत तीन वर्षो से राज्य सरकार लगी हुई थी और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में भारत सरकार के उपक्रम एमईसीएल, राजस्थान सरकार के उपक्रम आरएसएमएम लिमिटेड और राज्य सरकार में त्रिपक्षीय समझौता किया। इससे राजस्थान के हनुमानगढ जिले में पोटाश की उपलब्धता और खनन पर अध्ययन किया। उसी अध्ययन के अनुरूप इस महत्वपूर्ण खनिज के खनन हेतु इसी सम्भाव्यता एवं व्यवहारिकता के सम्बन्ध में जर्मनी की विषेषज्ञ कम्पनी टीएमटी व टीयूवी नार्ड गु्रप के अधिकारियों के साथ बैठक हुई। इस बैठक में जर्मन कम्पनी की डिप्टी डारेक्टर डियाना जुडरबंद एवं अन्य कम्पनी अधिकारियों के साथ खनन मंत्री प्रमोद जैन भाया के नेतृत्व में शामिल उच्च स्तरीय दल के सदस्य-अतिरिक्त मुख्य सचिव खान एवं भू विज्ञान सुबोध अग्रवाल, खान एवं भू विज्ञान निदेषक कुंजबिहारी पाण्डया, खान मंत्री के विषिष्ट सहायक अरविन्द सारस्वत, उप सचिव खान नीरू बारूपाल सहित अन्य विभागीय अधिकारियों द्वारा विचार-विमर्ष किया गया।

इस अवसर पर सबसे पहले कम्पनी की डिप्टी डारेक्टर डियाना जुडरबंद ने गुलदस्ता भेंट कर खान मंत्री प्रमोद जैन भाया, उनकी धर्मपत्नी उर्मिला जैन भाया का स्वागत किया। राजस्थान सरकार की पोटाष के खनन की पहल पर जहां पूरे विष्व में राजस्थान को एक विषेष स्थान मिलेगा। इस महत्वपूर्ण सामरिक खनिज के क्षेत्र में भारत ही आत्मनिर्भर हो सकेगा, जिससे राष्ट्रहित में दूरगामी परिणाम होंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

%d bloggers like this: