फिरोज़ खान

बारां (मातृभूमि न्यूज़)। रामपुर टोंडिया ग्राम पंचायत के गांव गोरधनपुरा सहरिया बस्ती में लगभग 200 परिवार निवास करते है। गोरधनपुरा गांव की सहरिया बस्ती के लोग नारकीय जीवन जीने को मजबूर है। बारिश का मौसम होने के कारण सहरिया बस्ती इस कीचड़ में अपने परिवार के साथ दिन काट रही है।ग्राम पंचायत द्वारा इस गांव के साथ सौतेला व्यवहार किया जाता है। बस्ती में जाने के लिए कोई सूखा रास्ता नही है।

लगभग 200 परिवारों को बारिश के 4 माह तक दिन रात इसी कीचड़ में होकर आना जाना पड़ता है। सहरिया जनजाति के बच्चे आंगनबाड़ी केंद्र व मा बाड़ी केंद्र में जाने के लिए इसी कीचड़ में होकर आ जा रहे है।पढ़ने जाने वाले छोटे छोटे बच्चे इसी कीचड़ में गिरते पड़ते स्कूल पहुंचते है।उसके बाद भी ग्राम पंचायत के आंखों में पट्टी बंधी हुई है।शिक्षा के मंदिर में जाने के लिए रास्ते नही है। उन रास्तों पर कीचड़ जमा है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है। इस गांव की सहरिया बस्ती के क्या हालात होंगे। इस बस्ती का एक भी रास्ता ऐसा नही है जिस पर कीचड़ नही हो। लोग गंदगी में जी रहे है। बारिश का मौसम होने के कारण मौसमी बीमारियों का असर सहरिया जनजाति के बच्चों पर पड़ेगा। जिसकी जिम्मेदारी भी ग्राम पंचायत की होगी।सहरिया बच्चे बीमार तो ग्राम पंचायत की लापरवाही से पड़ते है। और सरकार व प्रसाशन द्वारा लापरवाही इनकी बता दी जाती है कि यह लोग समय पर इलाज नही करवाते है। नीम हकीमो के पास जाते है। जब इनके गांव बस्तियों में साफ सफाई,सुविधाएं नही होगी तो मौसमी बीमारियां तो फैलना ही है। गोरधनपुरा गांव का यह कीचड़ का मुद्दा आज का नही है। करीब 7-8 साल से बस्ती के लोग ग्राम पंचायत, सामाजिक संगठनों, सामाजिक कार्यकर्ताओं के सामने रखते हुए आ रहे है। उसके बाद भी रामपुर टोंडिया पंचायत के सरपंच की हठधर्मिता के चलते सहरिया जनजाति के साथ भेदभाव किया जाता है।यह लोग ग्राम पंचायत में अपनी फरियाद लेकर जाते है तो इनकी सुनवाई किये बगैर ही इनको रवाना कर दिया जाता है। गत दिनों जाग्रत महिला संगठन किशनगंज व शाहाबाद द्वारा खंडेला ग्राम पंचायत में अधिकारियों की उपस्थिति में जनसुनवाई व जागरूकता कार्यक्रम रखा था।उसमें गोरधनपुरा के युवाओ ने नाराजगी जाहिर करते हुए टोंडिया पंचायत के पंचायत सहायक गजन वर्मा के समक्ष सहरिया बस्ती में हो रहे कीचड़ के मुद्दे को जोरदार उठाया था।और युवाओ ने खरी खोटी सुनाई थी। उस जनसुनवाई में इनको बोला गया था कि 3-4 दिन में बस्ती में निर्माण कार्य शुरू करवा दिया जावेगा।उसके बाद इस गांव के लोग कार्य शुरू होने का  इंतजार कर रहे है। रामपुर टोंडिया व खंडेला ग्राम पंचायत का चार्ज ग्राम विकास अधिकारी रामलाल सहरिया के पास है। इनको कई बार अवगत कराया गया,मगर सुनवाई नही हुई। सरपंच के दबाव में यह भी अपनी लाचारी को दर्शा रहे है।क्योंकि आजकल राजनीतिक हावी है। हर जगह राजनीति हावी होने से अधिकारी भी खुलकर काम नही कर पाते है। प्रभावशाली सरपंच होने के कारण कर्मचारी व आमजन लाचार है। जाग्रत महिला संगठन व युवा मंच के किशोर व किशोरियों ने बताया कि जल्दी ही सुनवाई नही होती है तो ग्राम पंचायत मुख्यालय पर ज्ञापन देकर विरोध प्रदर्शन किया जावेगा। गोरधनपुरा गांव की महिला भागवती बाई, कैलाशी बाई, रामवती बाई, पिंकी, छोटा, सपना, भरोसी, धापी, संगीता ने जिला कलेक्टर बारां को लिखित में अवगत करवाते हुए बस्ती के आम रास्तों पर निर्माण करवाये जाने की मांग रखते हुए उनको अवगत करवाया है।

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