महामारी के लक्षण एवं उपायों के बारें में ग्राम पंचायत स्तर तक जागरूकता कार्यक्रम चलाएं

पशु चिकित्सक सेवा भाव से कार्य कर गौवंश को बचाने में अपनी महती भूमिका अदा करें

माँजी

जैसलमेर (मातृभूमि न्यूज़)। अल्पसंख्यक मामलात, वक्फ, उपनिवेशन, कृषि सिंचित क्षेत्र विकास एवं जल उपयोगिता मंत्री शाले मोहम्मद ने कहा कि पशु बाहुल्य जिले में गौवंश में फैली लम्पी स्किन डिजीज जैसी महामारी के उपचार एवं रोकथाम के लिए हर स्तर पर पुख्ता प्रबन्ध हो। उन्होंने पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे इस महामारी के दौरान पूरी सेवा भावना से कार्य कर गौवंश को बचाना सर्वोच्च प्राथमिकता रखें ताकि हम इस बीमारी की रोकथाम में सफल हो सके।

अल्पसंख्यक मामलात् मंत्री शाले मोहम्मद ने मंगलवार को जिला कलक्ट्री सभाकक्ष में आयोजित लम्पी स्किन डिजीज के सम्बन्ध में जिला अधिकारियों की बैठक के दौरान यह निर्देश दिए। बैठक में जिला कलक्टर टीना डाबी, अतिरिक्त जिला कलक्टर दाताराम, उपखण्ड अधिकारी दौलतराम चौधरी, पूर्व प्रधान अमरदीन फकीर, जिला बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष अमीन खां, समाजसेवी गोविन्द भार्गव, पवन सूदा, लीलाधर दैया के साथ ही पशु पालन विभाग के अधिकारी एवं विकास अधिकारी व आयुक्त नगर परिषद उपस्थित थे।

मंत्री ने लिया पूरा फीडबैक, उपचार पर रखें पूरा फोकस-अल्पसंख्यक मामलात् मंत्री ने गौवंश में फैली लम्पी स्किन डिजीज बीमारी के बारें में विस्तार से फीडबैक लिया एवं उन्होंने अब तक सर्वे किए गए पशुओं, प्रभावित पशुओं, उपचारित पशुओं के साथ ही मृत पशुओं के बारें में जानकारी ली। उन्होंने पशुपालन विभाग के उपनिदेशक को निर्देश दिए कि वे इस बीमारी के सम्बन्ध में सही रिपोर्ट प्रस्तुत करें ताकि हम राज्य सरकार से इस प्रकोप के रोकथाम के लिए पर्याप्त मात्रा में मैन पावर एवं दवाईयां प्राप्त कर सके। उन्होंने जिला प्रशासन व पशुपालन विभाग द्वारा बीमारी के रोकथाम के लिए किए गए प्रबन्धों की तारीफ की एवं कहा कि इस महामारी की घड़ी में हम सभी को मिलकर गौवंश को बचाना है, उसी ध्येय से कार्य करे।

बीमारी के लक्षण व उपयों के लिए चलाएं जागरूकता कार्यक्रम- उन्होंने पशुपालन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे इस बीमारी के लक्षण एवं उपचारों के बारें में अधिक से अधिक जागरूकता कार्यक्रम ग्राम पंचायत स्तर पर चलाएं ताकि लोग सजग होकर समय रहते अपने पशुओं का उपचार करवा सके। उन्होंने विकास अधिकारियों एवं नगरीय निकाय के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे इस बीमारी से ग्रसित मृत पशुओं का निस्तारण प्रभावी ढंग से गढढ्ा खोकर करवाएं ताकि अन्य पशुओं में यह बीमारी नहीं फैले। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार स्तर से जो प्रबन्ध कराने है, उसके पूरे प्रयास करेंगे।

भामाशाहों का ले सहयोग- अल्पसंख्यक मामलात् मंत्री ने इस महामारी में भी कोरोना महामारी की तरह भामाशाहों एवं दानदाताओं का सहयोग लेने पर जोर दिया ताकि हम और अधिक प्रभावी ढंग से गौवंश को बचाने के लिए कार्य कर सके। उन्होंने सरपंचों का भी पूरा सहयोग लेने पर बल दिया एवं साथ ही कहा कि जो पशु चिकित्सा टीमे गांवों में जा रही है वे सरपंचों से सम्पर्क कर प्रत्येक गांव में 8-10 वॉलिन्टियर्स का सहयोग लेकर जागरूकता कार्यक्रम को प्रभावी ढंग से चलावे ताकि हर पशुपालक इसके प्रति जागरूक हो एवं अपने पशु को बचाने के लिए समय रहते उपचार करवा सके। 

उपचार के पुख्ता प्रबन्ध किए जा रहे हैं- जिला कलक्टर टीना डाबी ने बताया कि लम्पी स्किन डिजीज बीमारी की रोकथाम के लिए जिला प्रशासन के स्तर से 38 पशु चिकित्सा दलों का गठन कर प्रभावित क्षेत्रों में उपचार के लिए भेजा जा चुका है एवं पशु चिकित्सा टीमों द्वारा नियमित रूप से संक्रमित पशुओं का उपचार भी किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस कार्य के लिए क्षेत्र के उपखण्ड अधिकारी, विकास अधिकारी एवं तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार भी प्रभावी मोनिटरिंग कर रहे हैं।

इन्होंने दी जानकारी- उपनिदेशक पशुपालन डॉ. अशोक कुमार सुथार ने बताया कि 20 जुलाई से 8 अगस्त तक जिले में कुल 85 हजार 111 पशुओं का सर्वे करवाया गया, जिसमें 12 हजार 509 पशु बीमारी से ग्रसित पाए गए, उसमें से 8 हजार 762 पशु उपचार किया जा चुका है एवं उसमें से 3 हजार 787 पशु रिकवर भी हो चुके है।  अब तक 408 पशुओं की मृत्यु हुई है।

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