भीम, राजसमंद (मातृभूमि न्यूज़)। मजदूर किसान शक्ति संगठन, राजस्थान असंगठित मजदूर यूनियन, लोकतंत्रशाला, एवं मजदूर किसान किराना स्टोर द्वारा मजदूर किसान शक्ति संगठन का स्थापना दिवस और अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस भीम के पाटिया चौड़ा में धूमधाम से मनाया गया।
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भीम के बाजारों में 3 तरफ से निकाली रैली- राजस्थान असंगठित मजदूर यूनियन और मजदूर किसान शक्ति संगठन की ओर से यूनियन से जुड़ी महिलाओं और अन्य साथियों की ओर से भीम में 3 तरफ से रैलियां निकली। सबसे पहले भीम के बलाइयों के कूड़ा, बस स्टैंड भीम और बदनोर चौराहा से एक साथ रैली शुरू हुई जो सूजाजी के चौक पर जाकर सभी रैलियां एक साथ मिली। सूजाजी के चौक पर हुई सभा- तीनों तरफ की रैलियां जब सुजाजी के चौक पर पहुंची वहां पर मजदूर किसान शक्ति संगठन के संस्थापक सदस्य शंकर सिंह ने सभा को संबोधित किए और कहा कि आज मजदूर ही है जिसके बिना दुनिया नहीं चल सकती है और ना ही सरकारें चल सकती हैं। इसलिए आज मजदूर दिवस के मौके पर हम सभी तरह के मजदूर एक हों, उसके बाद रैली पाटिया के चौड़ा में पहुंची जहां पर मजदूर एकता जिंदाबाद के नारों से पांडाल गुंजायमान हो गया।
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मुख्य वक्ताओं ने ये कहा- पाटिया के चौड़ा में हुई सभा को मजदूर किसान शक्ति संगठन की संस्थापक सदस्य एवं रेमन मैगसेसे पुरस्कार से सम्मानित सामाजिक कार्यकर्त्ता अरुणा रॉय ने कहा कि भीम और आसपास के लोगों ने मिलकर बहुत कुछ हासिल किया है और बहुत कुछ अभी हुई हासिल करना बाकी है।
उन्होंने कहा कि चाहे वे किसी भी प्रकार क्रेज हों, जिनमें नरेगा मजदूर, निर्माण मजदूर, थड़ी ठेले पर मजदूरी करने वाले, पल्लेदार, घर में काम करने वाली महिलाएं हों या कुछ भी अन्य काम करने वाले मजदूर सभी को एक होने का समय आ गया है। यदि सभी मजदूर एक नहीं होंगे तो सरकार और पूंजीपति हमारा शोषण करते रहेंगे।
उन्होंने मजदूर दिवस के इतिहास और मजदूर किसान शक्ति संगठन द्वारा किए गए कार्यों को भी याद किया।
जवाबदेही कानून है जरूरी- सभा को संबोधित करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता निखिल डे ने कहा कि मजदूरों के संघर्षों से पिछले साल में सामाजिक सुरक्षा की कई अच्छी और महत्वपूर्ण योजनाएं आई हैं लेकिन जवाबदेही के बिना योजनाओं को लागू करना बहुत मुश्किल है। उन्होंने कहा कि सरकार को जवाबदेही कानून हर हालत में लाना होगा और जब तक ये कानून नहीं आ जाता है तब तक हमारा संघर्ष जारी रहेगा।
रोजगार बना मेले का बड़ा मुद्दा- इस बार के मेले में रोजगार चाहे वह ग्रामीण है या शहरी हो। इसी के साथ आज का पढ़ा लिखा जो युवा वर्ग है वह भी बेरोजगार घूम रहा है। इसी पर अपनी बात रखते हुए युवा हल्ला बोल के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुपम ने कहा कि बेरोजगारी आज चरम पर। उन्होंने कहा कि युवाओं को या तो काम मिलता ही नहीं है और यदि मिल जाता है तो संविदा पर मिलता है। संविदा पर भी शोषण ही होता है। उन्हों कहा कि सरकारी क्षेत्र कम होता जा रहा है और निजीकरण बढ़ता जा रहा है जिसकी वजह से बहुत कम लोगों को रोजगार मिल पाता है। उन्होंने कहा कि भर्तियों में भी बहुत समय लगता है और भी कई समस्याएं हैं। उन्होंने कहा युवाओं का जो शोषण हो रहा है उसे आज का युवा बर्दास्त नहीं करेगा।
800 रुपए न्यूनतम मजदूरी किए जाने की उठी मांग- बड़ी संख्या में राजस्थान असंगठित मजदूर यूनियन से जुड़ी महिलाएं मेले में आईं उनको राजस्थान असंगठित मजदूर यूनियन के सचिव बलूलाल ने कहा कि मंहगाई इतनी ज्यादा बढ़ गई है। हर रोज किसी ना किसी चीज के भाव बढ़ जाते हैं लेकिन मजदूरों की मजदूरी नहीं बढ़ती है। उन्होंने कहा कि नरेगा की और राज्य की। न्यूनतम मजदूरी कम से कम 800 रुपए प्रतिदिन की जाए। उन्होंने कहा न्यूनतम मजदूरी बढ़ाने के लिए आंदोलन की शुरुआत की जाएगी।