राजेन्द्र मेघवाल

मंडाना (मातृभूमि न्यूज़)। कर्बला के मैदान में हजरत इमाम हुसैन और उनके 72 साथियों की शहादत आने वाली पीढियों के लिए मिसाल बन गई। उनकी शहादत हमारी युवा पीढ़ी को जुल्म और नाइंसाफी के खिलाफ आवाज बुलन्द करने तथा इंसानियत, इंसाफ और इमान की राह पर चलने की प्रेरणा देती है। मोहर्रम का यह महीना इंसानियत और मोहब्बत का पैगाम देता है।

मोहर्रम का इस महीने में हम सभी प्रदेशवासी संकल्प लें कि अपने देश और प्रदेश की हिफाज़त के लिए हम हर तरह की कुर्बानी देने को तत्पर रहेंगे। हजरत इमाम हुसैन की शहादत में मंडाना कस्बे में ताजिये निकाले गये। यहाँ इमाम चौक से सुबह साढ़े ग्यारह बजे ताजिये उठाये गये। वही ताजिये के जुलूस के साथ युवा जोश के साथ ढोल व तासे बजाते चल रहे थे। वही या अली या हुसैन के नारे लगाते हुये जुलूस को आगे बढ़ाया जा रहा था। इस दौरान अखाड़े के करतब बाजो ने जगह-जगह कई हैरतअंगेज करतब दिखाये। जुलूस को देखने के लिये महिलाये व बच्चे मकानों की छतों पर पहले से ही डटे रहे। वही युवा नेता पिंटू कुरेशी ने बताया कि बस स्टैंड पर राजा आर.सी.सी की ओर से शर्बत की छबील लगाकर आने जाने वाले राहगीरों को शर्बत पिलाया गया। वही मेन बाजार जुलूस मार्ग में जगह जगह शर्बत दूध आदि की छबीले लगाकर लोगो को पिलाकर स्वागत किया। जुलूस के साथ हुसैन कमेटी के सदर अब्दुल हफीज, फिरोज अंसारी, कालू कुरैशी, जुबेर मंसूरी, लादेन अंसारी, सफीक अंसारी, रईस अंसारी सहित कई सदस्य साथ रहे। जुलूस इमाम चौक से होते हुये पूर्व निर्धारित मार्ग जैन मंदिर की गली से पुराना थाना से मेन बाजार होते हुये कलालों के खुट रात्रि 8 बजे पहुंचा। यहाँ से मांदलिया रोड से ताजिये को ठंडा करने के लिये आलनिया बांध लें जाया गया। जुलुस के साथ मंडाना नायब तहसीलदार ललित कुमार नागर, मंडाना थानाधिकारी कल्याण सिंह मय जाप्ते के साथ उपस्थित रहे और व्यवस्थाये देखी।

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