जयपुर (मातृभूमि न्यूज़)। विद्यालय, वह स्थान जहां शिक्षक का कर्तव्य बच्चों को जातिगत भेदभाव मिटाने और छुआछूत जैसी प्रथा को खत्म करने का पाठ पढ़ाना है। परन्तु  शिक्षक ने अपनी मटकी से पानी पीने पर एक दलित बच्चे की हत्या कर दी है ऐसा मामला सामने आया है जालौर जिले के सुराणा से जहां एक निजी स्कूल में हेड मास्टर की मटकी से तीसरी कक्षा के छात्र इंद्र मेघवाल ने पानी पी लिया था इससे खफा होकर अध्यापक छैल सिंह द्वारा इतनी पिटाई की गई कि बच्चा गंभीर रूप से घायल हो गया। अभिभावकों द्वारा बच्चे को इलाज़ के लिए पहले स्थानीय अस्पताल फिर जिला अस्पताल और आखिर में अहमदाबाद ले जाया गया। पिटाई के 23 दिन बाद छात्र ने अस्पताल में ही दम तोड़ दिया है।

उस समय अध्यापक ने दबंगई करते हुए परिजनों पर दबाव बनाकर समझौता कर लिया था और डेढ़ लाख रुपए देकर अपने इस जुर्म से स्वयं को बा इज़्ज़त बरी समझ रहा था। छात्र की मृत्यु होने के बाद पुलिस ने मामला दर्ज किया है।

इस मामले पर एसआईओ राजस्थान के प्रदेशाध्यक्ष नियाज़ अहमद ने बयान जारी करते हुए कहा है कि जालोर जिले के सुराणा में घटित हुई घटना अत्यंत दुख पहुंचाने वाली है। विद्यालयों में जातिगत भेदभाव और अत्याचार असहनीय है। विद्यालयों से जातिगत भेदभाव और अत्याचार को मिटाने के लिए सरकार को विशेष कदम उठाने चाहिए। इस तरह के भेदभाव और अत्याचार रोकने के लिए शिक्षकों की मॉनिटरिंग होनी चाहिए और ऐसा करने वाले शिक्षकों को तुरंत बाहर का रास्ता दिखा देना चाहिए।

उन्होंने आगे प्रशासन पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस मामले में प्रशासन शायद गहरी नींद में सोया हुआ था इसलिए 23 दिन तक परिजन केस दर्ज नहीं करवा पाए,जबकि इस तरह के मामले को तुरंत संज्ञान में लेकर कार्यवाही करने की आवश्यकता थी।

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