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गोवंश में फैली लम्पी स्किन डिजीज बीमारी के उपचार के सम्बन्ध में किए गए प्रबन्धों का लिया फीडबैक
माँजी
जैसलमेर (मातृभूमि न्यूज़)। जिले के प्रभारी मंत्री एवं वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री हेमाराम चौधरी ने गोवंश में फैली लम्पी स्किन डिजीज बीमारी के उपचार के सम्बन्ध में जिला प्रशासन एवं पशुपालन प्रशासन द्वारा की गई गतिविधियों के सम्बन्ध में सोमवार को जिला कलक्ट्री सभाकक्ष में बैठक ली। अतिरिक्त जिला कलक्टर दाताराम, उपखण्ड अधिकारी दौलतराम चौधरी, राज्य महिला आयोग की सदस्य श्रीमती अंजना मेघवाल, बीसूका उपाध्यक्ष उम्मेद सिंह तंवर, प्रधान सम समिति तन सिंह सोढ़ा, पूर्व प्रधान मूलाराम चौधरी, पूर्व उप प्रधान लख सिंह भाटी सहित गोशालाओं के प्रतिनिधि एवं अधिकारी उपस्थित थे।
गोवंश के उपचार के हर स्तर पर हुए प्रबन्ध- जिला प्रभारी मंत्री चौधरी ने कहा कि पहली बार गोवंश में फैली महामारी के सम्बन्ध में राज्य सरकार ने हर स्तर पर उपचार के पुख्ता प्रबन्ध किए है। उन्होंने कहा कि गोवंश को बचाना हम सभी का दायित्व है एवं हम सब मिलकर इसमें पूरा सहयोग करें तथा गोवंश को बचाने के लिए आगे आएं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे मृत पशुओं के निस्तारण की पुख्ता कार्यवाही करावे।
सभी के सहयोग से गोवंश को बचाना पहली प्राथमिकता- उन्होंने कहा कि गोवंश में अकस्मात फैली महामारी से निपटने के लिए मुख्यमंत्री ने ग्राम पंचायत के वार्डपंच से लेकर विधायक तक के जन प्रतिनिधियों से संवाद कर गोवंश के उपचार में पूरा सहयोग देने का आह्वान किया गया। उन्होंने कहा कि पशुपालन एवं गोपालन विभाग द्वारा पर्याप्त मात्रा में पशुओं के उपचार के लिए दवाईयों का प्रबन्ध किया गया एवं टीमों का गठन कर ग्राम पंचायतों में बीमार पशुओं के समय पर उपचार की व्यवस्था की गई। उन्होंने कहा कि इसी का परिणाम है कि अब यह बीमारी नियंत्रण में हैं।
सूचना मिलने पर तत्काल हो उपचार के प्रबन्ध- उन्होंने पशुपालन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे जहां भी बीमारी की सूचना आए वहां तत्काल पशु चिकित्सा टीम भेजकर पशुओं का उपचार करावे। उन्होंने जनप्रतिनिधियों के साथ ही भामाशाहों एवं समाजसेवियों व गोशाला संचालकों का भी पूरा सहयोग लेकर गोवंश को बचाने के लिए आगे आने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सितम्बर माह में पशु विभाग में रिक्त पदों को भरने की भी कार्यवाही कर रही हैं।
दी जानकारी- अतिरिक्त जिला कलक्टर दाताराम एवं सहायक निदेशक पशुपालन डॉ. अशोक सुथार ने बताया कि गोवंश में फैली बीमारी के रोकथाम के लिए जिले में 40 से अधिक पशु चिकित्सा टीमों का गठन कर उपचार के प्रबन्ध किए गए, जिसके परिणामस्वरूप अब यह बीमारी काफी हद तक नियंत्रण में है। उन्होंने बताया कि सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग द्वारा भी ग्रामीण क्षेत्रों में पेम्प्लेट वितरण कर एवं ऑडियों कैसेट के माध्यम से लोगों को जागरूक करने के लिए जागरूकता कार्यक्रम चलाया हैं।