पूर्व विधायक भाटी ने बहिनो को दिया आशीर्वाद

माँजी

जैसलमेर (मातृभूमि न्यूज़)। आजादी का अमृत महोत्सव के तहत प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय जैसलमेर  ने स्थानीय राजेंद्र प्रसाद कॉलोनी के सभाभवन में गुरुवार सुबह रक्षा बंधन के पवन पर्व पर रक्षा बन्धन त्यौहार का कार्यक्रम आयोजन किया गया।

पूर्व विधायक छोटू सिंह भाटी मुख्य अतिथि, ब्रह्माकुमारी मनीषा बहिन प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय जैसलमेर ने अध्यक्षता, नम्रता सा, रितु बहिन अतिथियो ने   रक्षा बंधन के पवन पर्व पर कार्यक्रम में शिरकत की।

रक्षा बंधन के कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारी मनीषा बहिन व रितु बहिन ने पूर्व विधायक भाटी की कलाई में राखी बांध कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

पूर्व विधायक छोटू सिंह भाटी ने रक्षाबंधन पर कहा कि भाई-बहन के पवित्र प्रेम का यादगार पर्व रक्षाबंधन के आध्यात्मिक महत्व को स्पष्ट करते हुए कहा कि यह महान पर्व हमें हमारे वास्तविक पवित्र आत्मिक स्वरूप की स्मृति दिलाता है। इस स्मृति के आधार से हमारे जीवन में विकारों रूपी अशुद्धि समाप्त होती जाती है और हमारा जीवन प्रेम, शान्ति, खुशी, आनंद और शक्तियों से भरपूर होता जाता है। स्वयं निराकार परमपिता परमात्मा शिव बाबा आकर हमें हमारे सत्य धर्म पवित्रता का कवच पहनाकर हमें सच्ची सुरक्षा का अनुभव कराते हैं और यह रक्षा कवच हमें आने वाले अनेक जन्म-जन्मांतर के लिए हर प्रकार से सुरक्षित कर देता है।

ब्रह्माकुमारी मनीषा बहिन प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय जैसलमेर  ने रक्षाबंधन के आध्यात्मिक रहस्य पर चर्चा करते हुए कहा कि यह रक्षा सूत्र मन, वचन कर्म की पवित्रता तथा प्रतिज्ञा का सूचक है। उन्होंने कहा कि रक्षाबन्धन का अर्थ ही होता है रक्षा के लिए बन्धन। हालांकि बंधन किसी को भी प्रिय नहीं होता है। परन्तु यहां इसका अर्थ यही है कि अपनी उन आसूरी प्रवृत्तियों से रक्षा के लिए मर्यादाओं के बन्धन में बंधना जिसके कारण हमें कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। वास्तव में यह बन्धन नहीं बल्कि स्वतंत्रता है। मनुष्यात्माओं को आसुरी शक्तियों से रक्षा करने तथा शक्तियों के आह्वान करना ही इस रक्षाबंधन का उद्देश्य है। इसका महत्व भूलने के कारण ही आज भाईबहन ने भाई-बहन के पवित्र प्रेम का यादगार पर्व रक्षाबंधन के आध्यात्मिक महत्व को स्पष्ट करते हुए कहा कि यह महान पर्व हमें हमारे वास्तविक पवित्र आत्मिक स्वरूप की स्मृति दिलाता है। इस स्मृति के आधार से हमारे जीवन में विकारों रूपी अशुद्धि समाप्त होती जाती है और हमारा जीवन प्रेम, शान्ति, खुशी, आनंद और शक्तियों से भरपूर होता जाता है। स्वयं निराकार परमपिता परमात्मा शिव बाबा आकर हमें हमारे सत्य धर्म पवित्रता का कवच पहनाकर हमें सच्ची सुरक्षा का अनुभव कराते हैं और यह रक्षा कवच हमें आने वाले अनेक जन्म-जन्मांतर के लिए हर प्रकार से सुरक्षित कर देता है।

रक्षा बन्धन के त्यौहार के आयोजन कार्यक्रम में जिले के ग्रामीण क्षेत्र मोकला, डाबला, मोहनगढ, सलखा, पारेवर, हड्डा, रूपसी, थईयात, काठोडी, कबीर बस्ती ,दरबारी का गाँव ,लानेला ,बरमसर, सोनू, रामगढ़, हमीरा के साथ शहरी भाई व बहिन मौजूद रहे। रितु बहिन प्रजापिता, ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय जैसलमेर ने रक्षा बंधन के आयोजित कार्यक्रम के दौरान मंचासीन अतिथियों व दूर दराज से आए शहरी व ग्रामीण भाई-बहिन को धन्यवाद ज्ञापित किया।

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