राजेश खोईवाल

बूंदी (मातृभूमि न्यूज़)। आयुर्वेदिक चिकित्सालय के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर सुनील कुशवाहा ने बताया कि जुलाई माह में अब तक देश के 7राज्यों (राजस्थान, दिल्ली, गुजरात, हरियाणा,आसाम,कर्नाटक, मध्यप्रदेश) के 14 जिलों के 2000से अधिक रोगियों को उपचारित किया जा चुका है। उपचारित रोगियों के विडियो फीडबैक लेकर उनकी सहमति से आयुर्वेद विभाग, राजस्थान की ओफिशियल पेज पर लगातार साझा किये जा रहे हैं।21-23 अगस्त के विडियो फीडबैक 1.10वर्षों से सिएटिका(नस दबने से कमर व टांगों में होने वाला दर्द से पीड़ित नमाना से आई 65 वर्षीय कमला को केवल 3दिनों के पंचकर्म उपचार के बाद 90% राहत मिली है 2.भीलवाडा से आई ममता 15वर्षों से कमरदर्द जोड़ों के दर्द से पीड़ित थी, केवल 3 दिनों के पंचकर्म उपचार के बाद 30% राहत महसूस कर रही है 3.कोदखेडा से आई 62वर्षीय गुरूबक्श कौर पिछले 26 सालों से गठिया,उच्चरक्तचाप, थाइरायड, हृदयरोग व मोटापा आदि कई बिमारियों से पीड़ित थी तथा कई बार ओपरेशन भी करवा चुकी थी तथा चलने फिरने में भी असमर्थ थी, पिछले 2सालों से लगातार आयुर्वेद उपचार व पंचकर्म चिकित्सा के 3 राउंड उपचार पूरा  करने के बाद अब पूरी तरह से स्वस्थ है व सामान्य तरीके से बिना किसी अंग्रेजी दवाइयों के सामान्य तरीके से जीवन जी पा रही है। जयपुर व कोटा के कई अस्पतालों में इलाज के बावजूद भी आराम नहीं मिलने से निराश गुरूबक्श कौर ने बताया कि पंचकर्म चिकित्सा उनके लिए जीवन दायिनी साबित हुई है  4.पिछले 6सालों से बंगलौर में आईटी कंपनी में काम कर रहे सोफ्टवेयर इंजीनियर मनीष पिछले 3सालों से कमरदर्द व सिरदर्द से परेशान थे, केवल 3दिनों की पंचकर्म चिकित्सा के बाद अपने लक्षणों में काफी राहत महसूस कर रहे हैं 5. भरूच गुजरात से आई 32वर्षीय नेहा 10वर्षों ग्लूकोमा व न्यूराल्जिया(सिर-दर्द)  की जटिल रोग  से पीड़ित थी ,बड़ोदरा में सर्जरी कराने के बावजूद भी आराम नहीं मिलने से निराश नेहा को यहां केवल 7 दिनों के पंचकर्म उपचार के बाद 90% से अधिक राहत मिली है। इसके अलावा डिब्रूगढ़ आसाम से आई राजनंदिनी, गुड़गांव हरियाणा से आई कोमल,दिल्ली से आये अनिल व नम्रता को यहां पंचकर्म चिकित्सा द्वारा काफी राहत मिली है। पीएमओ व पंचकर्म विशेषज्ञ डॉ सुनील कुशवाह ने बताया कि रोगी सुविधायें बढ़ाने के लिए जिला कलेक्टर के निर्देशन में अंतरराष्ट्रीय स्तर के पंचकर्म एक्सीलेंस सैंटर स्थापित करने के लिए प्रस्ताव निदेशालय भिजवाए जा चुके हैं

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