अजमेर/ब्यावर (मातृभूमि न्यूज़)। अल्पसंख्यक अधिकारी, कर्मचारी एवं उर्दू अदब के हिमायतियो ने मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन सौप कर शिक्षक नेता अमीन अली कायमखानी की बर्खास्तगी रद्द करने एवं उर्दू भाषा के विकास हेतु बजट भाषण में की गई घोषणाओं को लागू करवाने को लेकर ज्ञापन सौपा गया।

प्रोफेसर जलालुद्दीन काठात ने मातृभूमि न्यूज़ को बताया कि शिक्षक दिवस पर जयपुर में आयोजित सम्मान समारोह के दरमियान शिक्षक नेता अमीन खां कायमखानी, अध्यापक लेवल- 02, भट्टा बस्ती, जयपुर द्वारा शिक्षा मंत्री बी.डी. कल्ला के सामने विद्यालय स्तर पर उर्दू भाषा के विकास हेतु बजट भाषण में की गई घोषणाओं पर अमल नहीं होने की बात को उठाने पर उन्हें बुरी तरह जलील किया गया एवं कुछ बाहरी लोगों ने उनके साथ बदतमीजी करते हुए उनको हॉल से बाहर निकाल दिया, जिसे न्यूज चैनलों के माध्यम से पूरे देश व प्रदेश ने देखा। इन्तेहा तो तब हुई जब राज्य सरकार ने कायमखानी की मांगों पर गौर करने, संज्ञान लेने की बजाए एक आदेश जारी कर उसे निलम्बित कर दिया। जयपुर के जिला शिक्षा अधिकारी ने अपनी शक्तियों से परे जाकर निलम्बित कार्मिक का मुख्यालय अन्तर्जिला करके बांसवाड़ा कर दिया, जो कत्तई गलत है। इस घटना से समस्त प्रदेश के माइनोरिटी अधिकारियों / कर्मचारियों / उर्दू अदब के हिमायतियों में भारी रोष है। इसलिए हम ब्यावर उपखण्ड के अल्पसंख्यक अधिकारी/कर्मचारी/उर्दू अदब के हिमायती मांग करते हैं कि अमीन अली कायमखानी का निलम्बन आदेश रद्द किया जावे एवं मुख्यमंत्री द्वारा बजट भाषण में, विद्यालयों में उर्दू विषय खोलने, उर्दू विषयक लगाने, उर्दू की किताबें वितरित करने के सम्बन्ध में की गई घोषणाओं को तुरन्त प्रभाव से लागू कराने का श्रम करावें। यदि हमारी जायज मांगों पर शीघ्र निर्णय नहीं होता है तो आन्दोलन और तेज किया जाएगा, जिसकी समस्त जिम्मेदारी शिक्षा मंत्री बीडी किल्ला व शिक्षा विभाग की होगी।

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