दुष्यंत सिंह गहलोत

कोटा (मातृभूमि न्यूज़)। राष्ट्रीय अन्धता निवारण अभियान के ’37वें राष्ट्रीय नैत्रदान पखवाड़ा’ कार्यक्रम के दौरान झालावाड़ जिले में नेत्रदान कार्यक्रम की सराहना करते हुए झालावाड़ जिला कलेक्टर डॉ भारती दीक्षित एवं जिला पुलिस अधीक्षक रिचा तोमर ने नेत्रदान का संकल्प लिया और जिलेवासियों से नेत्रदान जागरूकता के लिए आगे आने की अपील की।

शाइन इंडिया फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ कुलवंत गौड़ एवं ज्योतिमित्र तथा भारत विकास परिषद के नेत्रदान प्रभारी कमलेश गुप्ता दलाल ने बताया कि नेत्रदान जागरूकता के लिए पूरे देश में 25 अगस्त से 8 सितंबर तक 37 वां राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़ा आयोजित किया जा रहा है, एवं नेत्रदान-अंगदान-देहदान कि जागरूकता के लिये 11 वर्ष से संभाग में प्रमुखता से कार्य कर रही संस्था शाईन इंडिया फाउंडेशन के द्वारा भी सम्पूर्ण संभाग में नेत्रदान पखवाड़े के दौरान विविध नेत्रदान जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। इसी संदर्भ में झालावाड़ जिला कलेक्टर डॉ भारती दीक्षित एवं झालावाड़ जिला पुलिस अधीक्षक रिचा तोमर ने अपने नेत्रदान संकल्प पत्र भरकर संस्था को सौंपें।

झालावाड़ जिला कलेक्टर डॉ भारती दीक्षित ने संस्था द्धारा जिले में किए जा रहे नेत्रदान के उत्कृष्ट कार्यों की सराहना करते हुए, जिलेवासियों से नेत्रदान संकल्प एवं नेत्रदान कार्यों के लिए आगे आने की अपील की, डॉ भारती दीक्षित नेत्रदान का संकल्प लेते हुए कहा कि,चिकित्सकीय शिक्षा के समय से ही वह नेत्रदान से प्रभावित रही है,परंतु नेत्रदान का संकल्प लेने का अवसर आज पहली बार आया है, नेत्रदान परोपकार का बहुत बड़ा कार्य है जिसके माध्यम से देश के लाखों असहाय नेत्रहीनों को नई नेत्रज्योति दी जाना संभव है। हमें अंधविश्वास से ऊपर उठकर इस प्रकार के कार्य के लिए आगे आना चाहिए। जिला कलेक्टर ने संस्था को सुझाव दिया कि नेत्रदान जागरूकता को बढ़ाने के लिए संस्था सदस्यों को विद्यालय एवं महाविद्यालयों में स्कूल, कॉलेज के छात्रों के साथ साथ सामाजिक संस्थाओं के साथ भी अधिक से अधिक नेत्रदान जागरूकता शिविर लगाये जाने चाहिए जिससे नेत्रदान के विषय से लोगों को जागृत किया सकें, यदि लोगों में नेत्रदान विषय के प्रति जानकारी होगी तो स्वत: आम जनजीवन नेत्रदान की ओर प्रवृत्त होंगे और नेत्रदान अंगदान से लोगों जीवन को बचाया सकेगा।

जिला पुलिस अधीक्षक रिचा तोमर IPS ने भी अपना नेत्रदान का संकल्प पत्र भरा एवं जिलेवासियों से नेत्रदान जागरूकता के लिए अपील की । पुलिस अधीक्षक रिचा जी ने संस्था के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि,यदि इस नेक कार्य को हम सभी अपने परिवार की परंपरा बना लें तो बहुत आसानी से हम भारत देश से कॉर्निया कि अंधता को दूर करने में सहायक हो सकते हैं। साथ ही उन्होंने यह भी कहा की यदि हमारी मृत्यु के बाद भी किन्हीं जरूरत मंद लोगों को हमारे अंगों से जीवन मिलता है तो राख़ होने से पहले इससे अच्छा कार्य मनुष्य जीवन में कोई नहीं है, नेत्रदान-अंगदान वर्तमान समय की आवश्यकता है।

उन्होंने यह भी कहा कि, मृत्यु के बाद जहां शरीर को बेकार समझकर जलाया या दफ़नाया जाता है, उससे कई गुना बेहतर है कि अंत समय में उनका नैत्रदान का कार्य संभव हो सके। ज्यादातर लोगों के मन में नैत्रदान से जुड़ी कई भ्रांतियाँ उपस्थित हैं, उन्हीं कारणों से नैत्रदान का प्रतिशत बढ़ नहीं रहा है जिन्हें संस्थागत प्रयास करके दूर करने की आवश्यकता है। अधीक्षक तोमर जी ने आश्वासन दिया कि नेत्रदान के कार्य को बढ़ाने के लिए पुलिस विभाग सहयोग करेगा। 

संकल्प भरने के उपरांत दोनों प्रशासनिक अधिकारियों को आई बैंक सोसाइटी ऑफ राजस्थान बीबीजे चैप्टर के प्रभारी एवं शाइन इंडिया फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ कुलवंत गौड़ व ज्योति मित्र कमलेश दलाल ने नेत्रदान प्रशस्ति पत्र सौंपा।

कमलेश दलाल ने बताया कि नेत्रदान पखवाड़े के दौरान संस्था शाइन इंडिया फाउंडेशन के द्वारा कोटा संभाग में नेत्रदान के विषय पर छोटी-छोटी कार्यशालायें आयोजित की जा रही है, इससे आमजन को अधिक से अधिक नैत्रदान के बारे में जागरूक किया जा रहा है, एवं संभाग के सभी प्रमुख प्रशासनिक अधिकारियों से नेत्रदान संकल्प और नेत्रदान जागरूकता के लिए अपील प्राप्त करने का प्रयास किया जा रहा है, जिससे संभाग के निवासियों को एक नेत्रदान के प्रति प्रेरित संदेश प्रसारित हो सके।

शाइन इंडिया फाउण्डेशन के अध्यक्ष डॉ कुलवंत गौड़ ने बताया संस्था के अथक प्रयासों से 11 वर्षों में 730 जोड़ी नेत्रदान “आई बैंक सोसायटी ऑफ राजस्थान जयपुर” को संभाग से भेजे गये हैं। संस्था के सम्मिलित प्रयासों से सम्पूर्णः हाड़ोती संभाग में जागरूकता का प्रतिशत भी पहले की अपेक्षा कई गुना बढ़ा है, शुरुआती 2 साल में संभाग से जहां केवल 5-6 जोड़ी नैत्रदान प्रतिवर्ष संकलित किये जाते थे, वहीं आज संस्था वर्ष में 130 जोड़ी से अधिक नेत्रदान अपने सक्रिय सहयोग से सम्पन्न करा रही है। इसी तरह से समस्त हाड़ौती क्षेत्र में जागरूकता कार्यशालाओं के माध्यम से लाखों लोगों को जागरूक किया गया हैं, संभाग स्तर पर लगभग 7000 नेत्रदान के संकल्प-पत्र भरायें है तथा 135 से अधिक लोगों ने देहदान का संकल्प भी लिया है। शाइन इंडिया फाउंडेशन को वर्ष 2011 से अभी तक झालावाड़ शहर से 26 एवम भवानीमंडी शहर से 140 नेत्र प्राप्त हुवे है। संस्था के द्वारा प्रयास करने से शहरों के साथ-साथ गांव में भी नेत्रदान विषय की प्रेरणा पहुंची है अनेकों शहरी और ग्रामीण लोगों के द्वारा नेत्रदान संकल्प किया जा रहा है एवं मंगलवार को भी जिले के सुदूर गांव सिंहपुर से श्रीमती सज्जनबाई जैन का नेत्रदान स्वप्रेरणा से प्राप्त हुआ है।

डॉ कुलवंत गौड़ ने जानकारी देते हुए बताया कि नैत्रदान पूर्णतया रक्तविहीन प्रक्रिया है, जिसमें न चेहरा विकृत होता है, न इसमें 10 मिनट से ज्यादा समय लगता है। सामान्य किसी भी मृत्यु पर परिजन सहमति प्रकट करके नेत्र उत्सर्जक नेत्रदान के लिए बुला सकते हैं। इसके लिए कोई विशेष वैधानिक औपचारिकताएं नहीं है एवं पूर्व में संकल्प किया हुआ होना भी अनिवार्य नहीं है। सूचना के 2 घंटे के अंदर नेत्र उत्तसरण टीम मृतक के घर पहुंच जाती है एवं 10 मिनट की आसान प्रक्रिया में कोर्निया उत्तसरण कर लिया जाता है, इसमें चेहरे पर कोई विकृति नहीं आती एवं न ही पार्थिव शरीर को कहीं ले जाना होता है। नेत्रदान अस्पताल, घर या मुक्तिधाम में भी जहां भी पार्थिव शरीर है वहीं पर लिया जाना संभव है। प्रत्येक वह व्यक्ति जो 2 वर्ष से 90 वर्ष की उम्र का है, वह नैत्रदान कर सकता है। चश्मा लगा हुआ व्यक्ति, मोतियाबिंद का ऑपरेशन किया हुआ हो, बीपी, शुगर, थायराइड, किडनी फेलियर, हृदयाघात, अस्थमा, दमा प्राय सभी मृत्यु पर नेत्रदान संभव है। डॉ कुलवंत गौड़ ने बताया है कि अच्छे परिणाम के लिए टीम के घर तक आने तक, आँखों को पूरा बंद करा जाये, उन पर गीली पट्टी रखी जाए, और पंखा बंद रखा जाये। गर्मी में नेत्र उत्तसरण की अवधि लगभग 6-7 घंटे एवं सर्दी में लगभग 8-10 घंटे रहती है। डीप फ्रीजर का प्रयोग होने पर नेत्रदान 24 घंटे तक भी लिया जा सकता है।

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