10 सितंबर से कलम बंद कार्य बहिष्कार- मनोज खटीक

राजेश खोईवाल

बूंदी (मातृभूमि न्यूज)। 10 से कलम बंद हड़ताल कार्य बहिष्कार 14 से अनिश्चितकालीन धरना जयपुर शहीद स्मारक पर एवं 19 से जयपुर में होगा महापड़ाव। जिलाध्यक्ष मनोज खटीक ने बताया कि प्रदेश में संविदा पर कार्य करने वाले लगभग 27 हजार विद्यार्थी मित्र पंचायत सहायकों ने राज्य सरकार के खिलाफ चरणबद्ध आंदोलन का मोर्चा खोल दिया है राज्य सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए आगामी 10 सितंबर से प्रदेश भर के 27 हजार सहीत बूंदी जिले के समस्त पंचायत सहायकों ने कलम बंद कार्य बहिष्कार हड़ताल की चेतावनी दे दी है वही 14 सितंबर से जयपुर शहीद स्मारक में अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन शुरू किया जाएगा और 19 सितंबर से जयपुर में ही शहीद स्मारक पर पंचायत सहायकों द्वारा महापड़ाव की घोषणा कर दी गई है। 

सरकार द्वारा जनवरी माह में संविदा सेवा नियम बनाने के बाद लागू नहीं करने तथा एक विभाग स्थाई नहीं करने से राजस्थान के 27 हजार पंचायत सहायक सरकार से खफा है। सरकार द्वारा बार-बार अनदेखी के चलते ग्राम विकास अधिकारी, सरपंचों की हड़ताल के पश्चात पंचायत सहायकों ने भी अब आंदोलन का बिगुल बजा दिया है।

 गौरतलब है कि सरकार द्वारा विभिन्न विभागों में संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों को संविदा सेवा नियमों में एडाप्ट करने के लिए 12 जनवरी 2022 को सरकार द्वारा संविदा सेवा नियम बनाकर उन्हें लागू करने की घोषणा की गई थी जिसके अंतर्गत सरकार द्वारा 25 जून तक संविदा पदों पर कार्यरत कर्मचारियों को संविदा नियमों में लाकर स्क्रीनिंग कर नियमित करने की बात कही गई थी। मगर आज तक वह वादा अधूरा ही पड़ा हुआ है। पंचायत सहायक संघ के जिलाध्यक्ष ने सरकार द्वारा पिछले साढे 3 वर्षों से उनके साथ वादाखिलाफी कर स्थाई करने के नाम पर कमेटियों का खेल खेला जा रहा है और सरकार द्वारा साढ़े तीन साल तो संविदा कर्मियों के आंकड़े जुटाने में ही निकाल दिए गए हैं। अल्प मानदेय पर कार्य करने वाले इन पंचायत सहायकों का एक विभाग नहीं होने से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अधिकारियों द्वारा पशुओं में फैल रही लम्पी बीमारी का सर्वे, पीएम आवास, स्वच्छ भारत मिशन,नरेगा, कोरोना वैक्सीनेशन करवाने एवं पशुओं के क्वारेन्टाईन सेंटर बनानें सहित सरकार के सभी विभागों में ड्यूटी लगाई जाती है और मासिक मानदेय का कोई पता नहीं है।

इन पंचायत सहायकों को कभी तीन माह में तो कभी चार महीने से अधिक समय गुजरने के पश्चात बड़ी मुश्किल से मानदेय दिया जाता है। 

सरकार द्वारा चुनावी घोषणा पत्र में नियमित करने का वादा किया गया था परंतु वादा आज भी अधूरा है पिछले 15 वर्षों से लगातार संविदा कर्मियों सहित 27000 विद्यार्थी मित्र पंचायत सहायकों से सरकारे छलावा करती आ रही है  पंचायत सहायक कई विभागों की कठपुतली बनें हुए हैं। 

जिससे खफा होकर प्रदेश कार्यकारिणी के आव्हान पर आगामी दस सितंबर से प्रदेश के 27 हजार पंचायत सहायक कलम बंद हड़ताल कार्य बहिष्कार पर संगठन के द्वारा सरकार को स्पष्ट चेतावनी दी गई है कि सरकार समय रहते विद्यार्थी मित्र पंचायत सहायकों सहित सभी संविदा कर्मियों को  संविदा सेवा नियमों 2022 में  एडाप्ट करें स्क्रीनिंग के द्वारा अनियमित करें 

कलम बंद हड़ताल से प्रदेश में होगा कामकाज ठप-सरकार संविदा कर्मियो के साथ वादा खिलाफी कर रही है। साढ़े तीन साल तो संविदा कर्मियो को नियमित करने के लिए बनाई गई कमेटी ने आंकडे जुटाने मे ही निकाल दिए जबकि कांग्रेस सरकार ने चुनावो से पहले घोषणा पत्र मे पंचायत सहायको को नियमित करने का वादा किया था जो आज तक अधूरा ही है। अधिकांश पंचायत सहायक वर्ष 2008 से विद्यार्थी मित्र के रूप मे सेवाएं देते आ रहे है और आज भी स्थाई होने का इंतजार कर रहे हैं।

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