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इंसाफ अली
छीपाबड़ौद (मातृभूमि न्यूज़)। तहसील क्षेत्र के अफीम काश्तकारों ने सोमवार को छबड़ा विधायक प्रताप सिंह को ज्ञापन दिया एवं अपनी समस्याएं बताते हुए कहा कि वर्ष 1997-98 से वित्तीय वर्ष तक विभाग द्वारा किन्हीं कारणवश रोके गए अफीम अनुज्ञा पत्र को विभाग द्वारा पुनः बहाल करवाया जावे एवं पुनः अनुज्ञा पत्र दिलवाए जावे, विभाग द्वारा घटिया मार्फिन का औसत 9 प्रतिशत से घटाकर 3 प्रतिशत करवाया जावे, 5 वर्ष की औसत कास्त घटाकर 3 वर्ष के औसत कास्त पर लाइसेंस दिलवाया जावे और साथ ही अफीम की न्यूनतम दर ₹3000 प्रति किलो से बढ़ाकर दस हजार से बारह हजार रुपये प्रति किलो करवाई जावें जिससे काश्तकार को अपनी मेहनत का वास्तविक मूल्य मिल सकें अफीम छिलके को विभाग द्वारा नष्ट किया जाता है जिसका किसानों को किसी प्रकार की आर्थिक मदद नहीं मिलती नष्ट कराए गए छिलकों का आंशिक मूल्यांकन कर अफीम कास्तकार को आर्थिक सहायता प्रदान कि जावें। तुलाई के समय अफीम तोल पर ही अफीम की संपूर्ण जांच कर किसानों को रिपोर्ट प्रदान की जावे क्षेत्र में लघु भूमि वाले कृषक अत्यधिक हैं उन्हें नया अफीम उत्पादन के लिए अनुज्ञा पत्र प्रदान किये जाएं एवं विभाग द्वारा लागू की गई सीपीएससी पद्धति को हटवाया जावे इस दौरान ज्ञापन देने वालों में भाजपा किसान मोर्चा अध्यक्ष रामप्रसाद गुर्जर, उमरिया सरपंच भरतराज मीणा, सरपंच प्रतिनिधि रामविलास मीणा कालाटोल, गिर्राज मीणा, करण सिंह मीणा उमरिया, बलराम मीणा धामनिया, जमनालाल मीणा बंजारी, पदम सिंह धामणिया, रामदयाल मीणा पिपलया अखेराज, सुन्दर लाल धामणिया, लोकेंद्र मीणा, गिर्राज मीणा, मानसिंह, रामबल मीणा, इंद्रजीत सिंह मीणा, सुखबीर, नवल, मिट्ठू मीणा, नेमीचंद, जगन्नाथ भील, रामस्वरूप, पप्पू लोधा, दुलीचंद, लक्ष्मीचंद, गोपाल, मानसिंह, अशोक, रामकरण सहित कई अफीम कास्तकार मौजूद रहें।