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उन्हेल नागेश्वर पार्श्वनाथ जैन तीर्थ मन्दिर में भव्य रथ यात्रा निकालकर मनाया भगवान स्वामी जन्मकल्याणक महोत्सव
अमित अग्रवाल
चौमहला (मातृभूमि न्यूज)। परमात्मा जन्म से ही तीन ज्ञान के मालिक होते हैं, साधना के पश्चात कर्मों का निवारण कर वे केवल ज्ञान भी प्राप्त करते है। परमात्मा की क्षमता असीम को मापने की सामर्थ्य हमारे सुक्ष्म शरीर या बुद्धि में नहीं होती है। परन्तु उनके द्वारा प्रशस्त मार्ग का अनुसार एवं उनकी आज्ञा का पालन हम मोक्ष मंजिल को प्राप्त कर सकते है। गंगधार क्षेत्र के विश्व प्रसिद्ध जैन तीर्थ उन्हेल श्री नागेश्वर पार्श्वनाथ तीर्थ में महापर्व पर्युषण के दौरान भगवान श्री महावीर स्वामी जन्म वांचन अवसर वीर सैनिक पिकेशभाई ने श्री महावीर स्वामी जन्म वांचन किया। इसके तहत विविध कार्यक्रम आयोजित हुए, जिसमें श्रावक श्राविकाओं ने बढ़ चढ़कर भाग लिया।
निकली भव्य रथयात्रा : प्रातः प्रवचन के पश्चात दोपहर में भगवान की भव्य रथयात्रा निकाली गई जो शहर के प्रमुख मार्गों से होती हुई पुनः तीर्थ परिसर में पहुंची । बैण्ड बाजे , हाथी नुतन रथ , इन्द्रध्वजा एवं घोड़ों के साथ इस रथयात्रा में स्थानीय श्री संघ, जैन शेताम्बर सोशल ग्रूप, नवरत्न परिवार, बलिका मंडल एवमं पेढी के सचिव धर्मचंद जैन सहित भारत के विभिन्न हिस्सों से आएँ सैकड़ो श्रावक श्राविकाओं ने सोल्लास भाग लिया। स्थानीय श्रीसंघ एंव बाहर से आए हजारों श्रावक श्राविकाएँ सोल्लास बेण्ड बाजों के साथ नृत्य करते हुए आगे बढ़ रहे थे। महिलाओं द्वारा भगवान के रथ को अक्षत की गहुली कर बधाया गया।
हुआ जन्म वाचन – रथयात्रा के पश्चात समग्र श्रीसंघ यहाँ पर आराधना भवन में एकत्रित हुआ जहाँ भगवान के जन्म के पूर्व चौदह स्वप्नों को झुलाने एवं भगवान के पालने की बोलिया हुई। जिनका उपस्थित धर्मसभा ने मुक्त हस्त से बोली बोलकर लाभ लिया । बोलियों के पश्चात जन्म वांचन का सुनाया गया इस अवसर पर सभी श्रावक श्राविकाओं ने नारीयल बधारकर एवं परस्पसर बधाई देकर खुशियाँ जाहीर की सभी को कंकू केसर के छापे तिलक लगाये गये। प्रतिवर्ष के अनुसार इस वर्ष भी वाव गुजरात निवासी दोसी रिखबचंद त्रिभुवनदास परिवार , सुरत की ओर से साधर्मिक वात्सल्य का आयोजन रखा गया। सांयकाल प्रतिक्रमण के पश्चात भक्ति संगीत आदि का आयोजन हुआ। प्रवचन में संचालन चांदमल जैन ने किया।