मुकेश कुमार मीणा

टोंक/अलीगढ़/उनियारा (मातृभूमि न्यूज़)। टोंक जिले के पंचायत समिति उनियारा मुख्यालय अलीगढ़ क्षेत्र की ग्राम पंचायत बिलोता में संसाधन सम्पन्न अपात्र लोगों का प्रधानमंत्री आवास योजना में लाभ देने तथा निर्माण / विकास कार्यों में व्याप्त भ्रष्टाचार करने तथा पीड़ित पात्र व्यक्ति का नाम पीएम आवास की पात्रता सूची से काटे जाने व सूचना उपलब्ध नहीं करवाने के मामले से तंग आकर ग्राम पंचायत बिलोता क्षेत्र के एक युवक ने स्थानीय ग्राम पंचायत में पंचायत समिति अलीगढ़ के खिलाफ भ्रष्टाचार व अनियमितताओं को लेकर बुधवार दिनांक 14 दिसम्बर से धरना शुरू कर दिया है। 

पीड़ित धरनार्थी शिवराज मीणा ने जानकारी देते हुए बताया कि उन्होंने जिला कलेक्टर सहित मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद टोंक, जिला प्रशासन व उपखण्ड प्रशासन के अलावा पंचायती राज के आला अधिकारियों को लिखित में विगत 13 महीने (29 अक्टूबर 2021) से अवगत कराने के बावजूद भी आज तक सुनवाई नहीं की गई है, ना ही कोई जवाब दिया गया है। जिसके बाद बिलोता ग्राम पंचायत क्षेत्र के सहादत नगर गांव निवासी पीड़ित शिवराज मीणा ने बुधवार, 14 दिसम्बर से ग्राम पंचायत बिलोता और पंचायत समिति मुख्यालय अलीगढ़ के खिलाफ पंचायत समिति अलीगढ़ के बाहर धरना शुरू कर दिया है।पीड़ित शिवराज मीणा ने बताया कि अगर समय रहते धरने के दौरान 18 दिसम्बर तक सुनवाई नहीं हुई तो पीड़ित ने आगामी सोमवार 19 दिसम्बर से पंचायत समिति मुख्यालय के बाहर आमरण अनशन पर बैठने का ऐलान भी पूर्व में लिखित पत्र के अनुसार व धरना स्थल से कर दिया है। वहीं पीड़ित शिवराज मीणा ने बताया कि ग्राम पंचायत बिलोता के अधिकारी व कार्मिकों द्वारा अपने पद का दुरूपयोग करते हुए पीएम आवास योजना सहित अन्य निर्माण व विकास कार्यों में किए जा रहे भ्रष्टाचार होने व सांठगांठ के चलते संबंधित कार्मिकों ने मिलकर अधिकांश अपात्र व कुछ सरकारी नौकरी करने वाले परिवारों को फायदा पहुंचाया है। साथ ही सहादतनगर गांव के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय भवन निर्माण कार्य में भी भ्रष्टाचार व धांधली करने की जांच नहीं करके उल्टा प्रशासन के उच्चाधिकारियों को गुमराह करने तथा दोषी अधिकारियों के विरूद्ध निलम्बन के कार्यवाही की मांग को लेकर पीड़ित युवक ने जिला कलेक्टर सहित प्रशासनिक कड़ी के आला अधिकारियों के दरवाजे खटखटाने के बाद भी पिछले 13 महीने से आज तक न्याय नहीं मिलने व सुनवाई नहीं होने से पीड़ित ने मजबूरन बुधवार, 14 दिसम्बर से पंचायत समिति के बाहर धरने पर बैठने व सुनवाई नहीं होने पर आगामी सोमवार, 19 दिसम्बर 2022 से आमरण अनशन पर बैठने का ऐलान कर दिया है। उन्होंने बताया कि अगर धरना के दौरान पीड़ित के साथ किसी भी प्रकार से स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता है या कोई घटना-दुर्घटना होती है तो उसकी समस्त जिम्मेदारी ग्राम पंचायत बिलोता, पंचायत समिति मुख्यालय अलीगढ़ सहित उपखण्ड व जिला प्रशासन की होगी। जिसके संबंध में लिखित में पीड़ित धरनार्थी ने पत्र द्वारा जिला व उपखण्ड प्रशासन को अवगत करवा दिया गया है। हालांकि धरने के दूसरे दिन गुरूवार को जिला स्तरीय जनसुनवाई वीसी के माध्यम से पंचायत समिति में होने के बावजूद भी ग्राम पंचायत, पंचायत समिति सहित उपखण्ड प्रशासन के किसी भी प्रशासनिक अधिकारी व कार्मिक ने धरना स्थल पर आकर पीड़ित धरनार्थी से कोई वार्तालाप नहीं की है, ना ही कोई सुध ली। 

ये है पांच सूत्रीय मांगे – पीड़ित ने 5 सूत्री मांगों में शासन – प्रशासन द्वारा ग्राम विकास अधिकारी ग्राम पंचायत बिलोता को निलंबित कराने, पंचायत समिति विकास अधिकारी को निलंबित कराने, सरपंच ग्राम पंचायत बिलोता के विरूद्ध पंचायती राज शक्तियों के तहत पद के दुरुपयोग की कार्यवाही करवाने, पीड़ित को तत्काल रूप से पीएम आवास का लाभ दिलाने एवं सूचना का अधिकार के तहत 13 महीनों से रोकी जा रही सूचना को अविलंब नियमानुसार सत्यापित प्रतियां निशुल्क उपलब्ध करवाने आदि मांगे शामिल हैं। अब देखना यह होगा कि आखिरकार पीड़ित के पास न्याय के लिए तथ्यात्मक सबूत होने के बावजूद भी पीड़ित को प्रशासन कब तक न्याय दिला पाता है और दोषी अधिकारी व कार्मिकों के विरूद्ध प्रशासन किस स्तर की क्या कार्यवाही अमल में लाता है।

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