फिरोज खान

बारां (मातृभूमि न्यूज)। शाहाबाद ब्लॉक की ग्राम पंचायत बिलखेड़ा माल़ के गांव छीपोल में जाने के लिए खेतो में होकर कच्ची पगडंडी का रास्ते होकर जाना पड़ता है।उसमे भी कीचड़ ही कीचड़ हो रहा है।यह गांव सहरिया जनजाति बाहुल्य हैं।अभी तक इस गांव में सड़क नही बनी है।

शाहाबाद क्षेत्र में सहरिया जनजाति समुदाय के गांवों में विकास कोसो दूर है।इनके गांवों में मोहल्लों में सड़को को अभाव है।वर्तमान में ही इस गांव के मुख्य रास्ते की यह हालत है तो बारिश में क्या होता होगा।गांव की संगठन की महिलाओ ने बताया कि गांव से एन एच 27 तक जाने के लिए इस पगडंडी वाले रास्ते से पहुंचना पड़ता है।बारिश में तो पैदल चलना भी मुश्किल है।अभी इस तरह में कीचड़ ही कीचड़ हो रहा है।इस गांव की ग्राम पंचायत द्वारा भी घोर उपेक्षा की जा रही है।पंचायत द्वारा गांव में जाने के लिए रास्ता,बस्तियों में रास्ते,नालिया किसी तरह की कोई व्यवस्था नहीं करवाई गई। गांव के लोगो ने बताया कि कोई भी सरपंच बन जाए मगर वोट लेने के समय ही इस गांव में आते है तब बड़ी बड़ी बाते कर चुनाव जीत जाते हैं।उसके बाद आज तक किसी भी सरपंच व अधिकारी ने इस गांव की कोई सुध नहीं ली हैं।इस गांव की हालत बहुत खराब है।इनके पास किसी भी तरह की कोई सुविधा नहीं है।डिलेवरी वाली महिलाओ को रोड़ तक लाना मुश्किल काम है।उसके बाद भी सहरीया समुदाय अपना जीवन व्यतीत कर रहा है।लोगो को सड़क तक की सुविधा नही है।जाग्रत महिला संगठन ने उच्च अधिकारियों से सड़क निर्माण की मांग की हे।

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