जयपुर (मातृभूमि न्यूज़)। बुधवार 29 जून को जयपुर शहर के जन संगठनो के प्रतिनिधियों ने बैठक कर उदयपुर मे हुई बर्बर हत्या की निंदा की. सभी ने एक सुर में यह कहा कि उदयपुर की घटना सिर्फ कन्हैया लाल का कत्ल नही है बल्कि इंसानियत का कत्ल है. बैठक की अध्यक्षता सी. पी. आई. के वरिष्ठ नेता तारा सिंह सिद्धू ने की. सभी का मानना था कि उदयपुर व राजसमंद की पुलिस ने 4 घंटे के अंदर ही दोषियों को पकड़ लिया इसकी सराहना करनी चाहिए लेकिन अगर उदयपुर पुलिस की लापरवाही व अनदेखी नहीं होती तो यह कांड ही नहीं हुआ होता और कन्हैया लाल को अपनी जान न गंवानी पड़ती. अगर पुलिस ने मोहम्मद रियाज व ग़ौस मोहम्मद के 17 जून 2022 के व्हाट्सअप पर कन्हैया लाल दर्जी की हत्या करने की सूचना पर कार्यवाही की होती तो यह घटना घटित ही नहीं होती. 

बैठक में जयपुर शहर के मुफ्ती अख्लाक़ुर्रहमान और जमीयत उलेमा हिन्द के जयपुर अध्यक्ष का कहना था कि जयपुर शहर व प्रदेश के सभी हिस्सों का मुस्लिम समुदाय, किसी भी सूरत में इस नृशंस हत्या का समर्थन नहीं कर रहा है बल्कि हर मस्जिद से एक ही ऐलान हो रहा है, कि यह घटना इंसानियत का क़त्ल है अतः सोशल मीडिया पर कैसी भी हलचल हो धीरज रखना है.

जमाअते इस्लामी हिन्द के नईम रब्बानी व डॉ. मोहम्मद इक़बाल सिद्दीकी का कहना था कि जनता से अपील है कि सौहार्द बनाए रखें और आमजन व मीडिया से यह भी अपील है कि पूरे मुसलमान समाज को कटघरे मे खड़ा ना करें. मुसलमान समाज भी इस नफ़रती घटना को नकार रहा है जैसे अन्य कर रहे हैं.

एपीसीआर, राजस्थान के मुज़म्मिल रिज़वी का मानना था की मुसलमान समुदायों में जबरदस्त भय भी है और आक्रोश में उन पर हमला ना हो जाये, इसका डर भी है.

भँवरलाल कुमावत का कहना था कि इंटरनेट बंद होने से छोटे व्यापारी और छात्र बहुत परेशान हैं और यह शिकायत है कि एम पेमेंट्स के युग में इंटरनेट का बंद होना उनका बिज़नस खत्म कर देता है. इन्टरनेट बंद होने से छात्रों की पढ़ाई का नुकसान हो रहा है इसको लेकर भी नाराज़गी है.
प्रो. मोहम्मद हसन का कहना था कि अख़बार और सोशल मीडिया की भूमिका इस समय तटस्थ रहनी चाहिए जिससे कि कोई भी समुदाय या व्यक्ति गलत अर्थ ना निकाले और मनमुटाव ना हो जो हादसे में परिवर्तित हो जाये. मीडिया पर कोई सेन्सर्शिप नहीं हो सकती, उन्हें स्वतः इस बात पर गौर करना होगा. 


बैठक में मौजूद सीपीआईएम की राज्य सचिव मण्डल की सुमित्रा चोपड़ा ने बताया कि उदयपुर में भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के निर्माण मजदूर यूनियन के नेता तथा उदयपुर नगर निगम में उद्यान समिति के अध्यक्ष कामरेड शमशेर खान के घर पर स्थानीय भाजपा पार्षद महेश त्रिवेदी के नेतृत्व में लगभग 100-125 लोगों द्वारा हमला किया गया. हमले में शमशेर खान के बेटे और उनकी पत्नी शहनाज खान गंभीर रूप से घायल हुये हैं. शमशेर खान का तो हाथ ही तोड़ डाला. जिसकी शमशेर खान ने एफआईआर दर्ज कारवाई. बैठक में इस घटना की कड़ी निंदा की गई. 


पीयूसीएल राजस्थान की प्रदेश अध्यक्ष कविता श्रीवास्तव का कहना था कि जांच अभी हुई नहीं है लेकिन मुख्यमंत्री, मंत्री, कुछ वरिष्ठ पुलिस अधिकारीयों व मीडिया द्वारा फैसला दिया जा रहा है कि ये आतंकवादी थे इसलिए यू. ए. पी. ए की धाराएं लगाई गई. जांच कोई भी पुलिस एजेंसी करे वह राजनैतिक सरोकारों से नही होनी चाहिए बल्कि कानून के तहत हो. 


सभी का मानना था कि कन्हैया लाल दर्जी की हत्या हेट क्राइम है. यह धर्म के नाम पर क्रूर अपराध है, पाकिस्तान से तार जुड़े हो सकते हैं लेकिन इतनी जल्दी उसे आतंकवादी करार देना सच्चाई की तह में पहुंचने में एक रुकावट होगा. इससे पुलिस जांच कमजोर होती है.  बैठक में राज्य में अमन व चैन बना रहे उसके लिए व्यापक रूप से काम करने की आरंभिक योजना बनाई गई. निशा सिद्धू, सवाई सिंह, अवतार सिंह, सनी सेबास्टियन आदि ने भी अपनी बात रखी.


बैठक में निम्न निर्णय लिए गए 


1. प्रदेश मे सौहार्द बनाने के लिए हर जिला, कस्बे, पंचायत, मोहल्ले तक हमारे प्रतिनिधियों के नेटवर्क को युद्ध स्तर पर खड़ा करना व संविधान में विश्वास करने वाली सार्वजनिक क्षेत्र में कार्यरत सभी संस्थाओं संगठनों को जोड़ना व सामाजिक, सांस्कृतिक व राजनैतिक हर स्तर पर कार्य करना.


2. सरकार से गुजारिश की गई की 1 जुलाई शुक्रवार नमाज़ और जगनाथ यात्रा को ध्यान में देखते हुए प्रदेश में धारा 144 व उदयपुर में कर्फ्यू पुख्ता ढंग से लागू करें.


3. आगामी 3 जुलाई 2022 को दलित आदिवासी अल्पसंख्यक दमन प्रतिरोध आन्दोलन द्वारा आयोजित सांप्रदायिकता के विरुद्ध सम्मेलन में सभी शामिल हों और रणनीति तय की जाये.


4. राजस्थान पुलिस व एनआईए द्वारा गिरफ़्तार किए गए दोनों आरोपी मोहम्मद रियाज और ग़ौस मोहम्मद के साथ सख्ती से जांच करें, लेकिन वह कानून सम्मत हो. UAPA जैसी धाराएँ जांच के निष्कर्ष में तभी जोड़ी जाएँ अगर आतंकवाद की पुष्टि होती है.


5. पुलिस थाना धानमंडी, उदयपुर के SHO, DySP,  सर्कल ऑफिसर को भी सस्पेन्ड किया जाए.


6. सभी अखबारों और TV चैनल के साथ संवाद करना कि, अभी किसी भी सूरत मे ध्रुवीकरण की खबरें ना छापें.


7. सोहार्द के लिए सभी अमन व न्याय में विश्वास करने वाले दलों को जोड़ कर आगे बढ़ना चाहिए.


बैठक में सवाई सिंह, शहज़ाद आलम, एम. हसन , सनी सेबेस्टियन तारा सिंह सिद्धू, भंवर लाल कुमावत, अखिल चौधरी, सुमित्रा चोपड़ा, निशा सिद्धू, कविता श्रीवास्तव, मुज़म्मिल रिज़वी, नेसार अहमद, मुहम्मद उवेस, अख़्लाकुर रहमान, डॉक्टर एम. इक़बाल सिद्दीकी, नईम रब्बानी, शोकत कुरैशी, अब्दुल लतीफ़, अवतार सिंह रामगढ़िया आदि उपस्थित रहे.

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