फतेहगढ़ (मातृभूमि न्यूज़)। राज्य सरकार के निर्देशानुसार जनभावना के अनुरूप पारदर्शी एवं संवेदनशील वातावरण में आमजन की परिवेदनाएं/समस्याओं की सुनवाई एवं त्वरित समाधान के लिए गुरुवार को जिला कलक्टर टीना डाबी फतेहगढ़ में आयोजित उपखण्ड स्तरीय जनसुनवाई में आमजन की समस्याएं सुनने के लिए आये थे, मगर एक भी परिवादी का पक्ष नही सुना गया।

परिवादियों द्वारा अपनी परिवेदनाओं के बारे में बोलना शुरू किया तो उनका बीच बचाव करने सम्बन्धित विभाग के अधिकारी अतिरिक्त कार्यकारी अधिकारी ,उपखण्ड अधिकारी, विकास अधिकारी द्वारा अपने कनिष्ट कर्मचारियों के पक्ष में अपना पल्ला झाड़ते हुवे उनका बचाव किया। फतेहगढ़ में जनसुनवाई में चोर चोर मोसेरे भाई वाली कहावत चरितार्थ हुवी है, जब इन जनसुनवाई कार्यक्रम में जिला कलक्टर के बीच परिवादियों को बोलने का मौका न देकर भष्ट लोगो को बचाने का शर्मनाक कार्य किया जा रहा था। जब परिवादियों के पक्ष को जनसुनवाई कार्यक्रमों में सुना नही जा रहा है तो फिर इसे जनसुनवाई कार्यक्रम आयोजित करने का क्या सार है, जिला कलक्टर टीना डाबी की अधिकारियों पर मेहरबानी रहीं। दूरदराज ग्रामीण क्षेत्रों से आये परिवादियों को बैरंग लौटना पड़ा,मायूस होकर अपने घर लौटे। ग्राम पंचायत मोढ़ा के ग्राम विकास अधिकारी की तानासाही रवैये के खिलाफ ग्रामीण विभिन्न समस्याओं को लेकर शिकायत दर्ज करवाने आये थे, ग्राम पंचायत मोढ़ा के राजस्व गांव पनराज पूरा की आबादी भूमि में ग्राम विकास अधिकारी की मनमानी के चलते पट्टे जारी नहीं किये जा रहे है,ग्राम पंचायत मोढ़ा में पशुशाला निर्माण कार्य रणधा,माधव पूरा,मेघवालो का वास मोढ़ा में रातोंरात टीनशेड बनवाकर अब फर्जी मस्टरोल चलवाकर सरकारी पैसे का दरुपयोग किया जा रहा है, ग्रेवल सड़को,इंटरलॉकिंग सड़क निर्माण कार्यो में शून्य लेबर होते हुवे कागजों में लेबर बताकर पैसे गबन किये जा रहे है। ग्राम पंचायत मोढ़ा में हुवे भष्टाचार की जांच करने सम्बंधित शिकायते दर्ज करवाई थी, परिवादी राकेश दहिया ने गुजरात हॉस्पिटल सीज का मामला उठाया था,उसमे भी ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी की शह पर वापस बिना जांच किये हॉस्पिटल शुरू किया उसको वापस सीज करने की मांग की गई। इसके अलावा क्षेत्रो से आये ग्रामीणों ने बिजली, पानी व अतिक्रमण से सम्बंधित शिकायतें दर्ज करवाई है लेकिन औपचारिकता के आधार पर प्रक्रिया की गई। इनके अलावा ग्राम पंचायत लोरडीसर का पंचायत भवन कार्यालय की जमीन सरपंच व उनके साथ आये ग्रामीणों ने खसरा नम्बर 217 पर बनवाने की ग्राम पंचायत के लेटरपेड पर noc दी,मगर राजनीति प्रभाव के चलते व्यक्ति विशेष के घरों की ऒर आबादी से दूर कुछ लोग ले जाना चाहते है इसके संदर्भ में ग्रामीणों ने जिला कलक्टर को अवगत करवाया था, लेकिन राजनीति प्रभाव रखने वाले लोगो ने उपखण्ड अधिकारी व विकास अधिकारी पर ऊपर से दबाव बनवाया है कि हमारे हल्के में बननी चाहिए,खसरा नम्बर 217 में नही बननी चाहिए।

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