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दुष्यंत सिंह गहलोत
कोटा (मातृभूमि न्यूज़)। बोरखेड़ा मंशापूर्ण बालाजी धाम फ्रेंड्स कॉलोनी में चल रही भागवत कथा के छठें दिन श्रीकृष्ण रुक्मणी विवाह की मनोहर झांकी सजाई गई राधिका गोरी से बृज की छोरी से मैया करा दे मेरो ब्याह भजनों पर श्रद्धालु झूम के नाचे। कथावाचक पंडित मुकुट बिहारी शास्त्री ने कहा कि पानी ग्रहण संस्कार एक पवित्र संस्कार है जो कई जन्मों का बंधन होता है जो विवाह सनातन धर्म पद्धति से होता है। ऐसा दांपत्य जीवन हमेशा सुखी रहता है। श्री कृष्ण रुक्मणी की विवाह की कथा हमें संदेश देती है माता-पिता बुजुर्गों के आशीर्वाद के बिना विहा अधूरा रहता है। कथा के दौरान उन्होंने कहा कि निर्मल मन में ही परमात्मा का वास होता है सच्ची श्रद्धा समर्पण भाव किया हुआ भजन मनुष्य को अलौकिक आनंद की प्राप्ति करा देता है। कथा के मुख्य यजमान ओमप्रकाश गालव, ओम जी आमोरिया, चेतन प्रकाश शर्मा ने भागवत कथा की आरती उतारी और बताया कि कथा का समापन 5 अगस्त को हवन प्रसाद के साथ होगा।