लंगर कर किया जा रहा तक़सीम

शकील खान

छबड़ा (मातृभूमि न्यूज़)। छबड़ा क़स्बे में मोहर्रम के चलते मुस्लिम समाज, शिया दाउदी बोहरा समाज व शिया ईरानी समाज द्वारा विशेष इबादते की जा रही है साथ ही लंगर पका कर खिलाये जा रहे व सबिले लगाकर शरबत पिलाया जा रहा है। इस्लामी नए साल का पहला महीना मोहर्रम 31 जुलाई से शुरू हो गया है। इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक मुहर्रम पहला महीना है और इस महीने की 10 तारीख को आशूरा कहा जाता है। यह दिन योमे आशूरा के नाम से भी मशहूर है। यही वो दिन है जब करबला में पैगंबर मोहम्मद साहब के नवासे इमाम हुसैन ने अपने 72 साथियों के साथ शहादत दी थी। इस दिन को पूरी दुनिया में शिया-सुन्नी मुसलमान जुलूस निकालते हैं और इमाम हुसैन की शहादत का गम (मातम) मनाते हैं।

प्राप्त जानकारी के अनुसार क़स्बे में इन दिनों मुस्लिम समाज के लोगो द्वारा मोहर्रम पर्व के चलते विशेष इबादते की जा रही साथ ही रोज़े भी रखे जा रहे है। वही क़स्बे में अलग-अलग युवाओं की टोलियों द्वारा लंगर पका कर लोगो को खिलाया जा रहा है। क़स्बे के में इंडियन ग्रुप व अलीगंज मोहल्ले के युवाओं द्वारा खीचड़ा बनाकर तक़सीम किया गया तथा ज़ोहरीपुरा मोहल्ला में बाबरी लश्कर टीम द्वारा ज़ोहरीपुरा मदरसे में लंगर बनाया गया। पार्षद आदिल सालारग़ाज़ी ने बताया कि मोहल्ले के युवाओं द्वारा लंगर बनाकर खिलाया गया जिसमे लगभग 1500 लोगो ने शिरकत की। साथ ही शिया दाउदी बोहरा समाज द्वारा भी पिछले 9 दिनों से मोहर्रम की मजलिस पढ़ी जा रही है। शिया दाउदी बोहरा समाज कमेटी के सदस्य मोइज़ अकबर बोहरा ने बताया कि 9 दिनों से मोहर्रम की मजलिस पढ़ी जा रही थी मजलिस पढ़ाने के लिए दुबई से आये हुए मुल्ला असगर बोहरा ने मजलिस पढ़ाई तथा रविवार को जोहर की नमाज़ के बाद यूसुफ असगर बोहरा ने दुआ करवाई। वहीं शिया ईरानी समाज द्वारा भी अलम का जुलूस निकाला गया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

%d bloggers like this: