टीम जीवनदाता के संस्कार से परोपकार का मिल रहा लाभ, वर्द्धमान ने की तेतीसवी बार एसडीपी

दुष्यंत सिंह गहलोत

कोटा (मातृभूमि न्यूज़)। मानव सेवा को सर्वोपरी मानते हुए टीम जीवनदाता से जुडने के बाद जो संस्कार मिले हैं वह आए दिन फलीभूत होते, मानव सेवा को ही धर्म और कर्म मानने वाले वर्धमान जैन जो भामाशाह मंडी में धान के व्यापारी हैं, वह 365 दिन मानव सेवा के लिए तैयार रहते हैं। उन्होंने अब एक कैंसर रोगी महिला निर्मला के लिए एसडीपी डोनेट कर जान बचाई। टीम जीवनदाता के संयोजक व लायंस क्लब के रीजनल चेयरमैन भुवनेश गुप्ता ने बताया कि महिला मरीज की प्लेटलेट काउंट कम होने से चिकित्सकों ने तत्काल एसडीपी के लिए कहा।  ऐसे में भुवनेश गुप्ता ने अपने ग्रुप में मानवता का मैसेज भेजा । वर्धमान जैन बरसात के तीन दिन के बाद मंडी खुलने पर कार्य में व्यस्त थे, लेकिन मानव सेवा को सब कुछ मान चुके जैन ने सभी काम छोड एसडीपी करने का निर्णय लिया। वह समस्त काम छोड़कर अपना ब्लड सेंटर पहुंचे और एसडीपी की। इस तरह वे अब तक 33 बार एसडीपी और 52 बार रक्तदान कर चुके हैं। उनका पूरा परिवार रक्तदान के क्षेत्र में समर्पित भाव से कार्य करता है। पुत्र वैभव जैन को भी 18 वर्ष पूर्ण होते ही एसडीपी डोनर बनकर उसमे इंसानियत का संस्कार पोषित किया।  इस अवसर पर लायंस क्लब कोटा सेंट्रल के अध्यक्ष राजकुमार गुप्ता व सचिव जेके जैन ने वर्धमान जैन को अपर्णा ओढ़ाकर सम्मान किया।

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