महिलाओं ने सामने से देख, जानी नेत्रदान की सारी प्रक्रिया

दुष्यंत सिंह गहलोत

कोटा (मातृभूमि न्यूज़)। पावर हाउस के पास,रामगंज मंडी निवासी गीता देवी (85 वर्ष) पत्नि स्व.कन्हैयालाल गुप्ता का आज सुबह  आकस्मिक निधन हो गया । अचानक हुई इस घटना से गीता जी के दोनों बेटे और पाँचो बेटियाँ घोर शोक में आ गये। 

शांत, हँसमुख स्वभाव, सेवाभावी, धार्मिक विचारों वाली अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग गीता देवी प्रतिदिन बच्चों को भजन और नैतिक कहानियाँ सुना कर अपना समय बिताया करती थी,गीता देवी जी के अंत समय में दोनों बेटों राजेन्द्र,ललित आचोलिया व 5 बेटियों मान बाई,संतोष बाई,सुशीला, उषा,रमा एंव दामाद अशोक फोफलिया ने गीता जी की खूब सेवा की। गीता के निधन की सूचना जब मौहल्ले में फ़ैली तो पास में रह रहे,भारत विकास परिषद के सदस्य एव शाइन इंडिया फाउंडेशन के ज्योति मित्र संजय सतीजा एवम उनकी धर्मपत्नी आशा सतीजा ने परिवार के सभी सदस्यों को माताजी के नेत्रदान करवाने के लिए समझाया।

सभी की सहमति मिलने के बाद संजय जी ने रामगंज मंडी शाखा के ज्योति मित्र संजय विजावत व संजय पतिरा को सूचना देकर कोटा से नेत्रदान की टीम को बुलवाने के लिए कहा,संजय विजावत ने जब ईबीएसआर के बीबीजे चैप्टर के कॉर्डिनेटर डॉ कुलवंत गौड़ को संपर्क किया,तब वह कोटा से 110 किलोमीटर दूर देवली में नेत्रदान लेने निकले हुए थे। जैसे ही डॉ गौड़ को यह सूचना मिली, उन्होंने देवली में जगदीश प्रसाद जी के नेत्रदान का कार्य कर पूरा कर वहीं से 180 किलोमीटर दूर रामगंज मंडी के लिए रवाना हो गए रामगंजमंडी के शोकाकुल परिवार को दिए गए समय से 1 घंटा पूर्व ही शाइन इंडिया फाउंडेशन और बीबीजे चैप्टर की टीम रामगंजमंडी नेत्रदान लेने पहुंच गयी। नेत्रदान के कार्य में गीता जी के बेटे और बेटियों के अलावा शहर के प्रमुख नागरिकों मोनू माहेश्वरी, मेड़तवाल समाज के सचिव कैलाश चंद्र गुप्ता, राधेश्याम गुप्ता ,भारत विकास परिषद के वरिष्ठ सदस्य सुनेल सुरेंद्र फोफलिया का भी सहयोग रहा। ज्ञात हो कि रामगंज मंडी क्षेत्र का यह 24 वां और इस माह का यह दूसरा नेत्रदान है । नेत्रदान के कार्य में आज सबसे बड़ी बात यह रही कि,गीता जी के नेत्रदान की प्रक्रिया को मौके पर उपस्थित 50 महिलाओं ने अपने सामने देखा उन्होंने यह जाना कि,नेत्रदान बहुत ही कम समय में होने वाली एक सरल प्रक्रिया है, जिसमें ना तो किसी तरह का कोई रक्त आता है और ना ही चेहरा विकृत होता है,उपस्थित  महिलाओं ने गीता जी के नेत्रदान के कार्य के लिए परिवार की सभी सदस्यों की सराहना की।

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