![](https://i0.wp.com/matrabhuminews.com/wp-content/uploads/2022/07/IMG-20220715-WA0047.jpg?fit=1280%2C720&ssl=1)
महावीर मूंडली
मांगरोल (मातृभूमि न्यूज़)। क्षेत्र के ग्राम पंचायत महुआ के मूंडली ग्रामीण अभी भी किसी वृद्ध की मृत्यु होने पर बरी बरसात में भी खुले आसमान के नीचे करना पड़ता है दाह संस्कार।
जिला किसान मीडिया प्रभारी महावीर मूंडली ने बताया की ना तो टीन शेड की व्यवस्था यहां तक श्मशान घाट पर शव को जलाने के लिए की भूमि तक उपलब्ध नहीं है ग्राम पंचायत महूवा के सरपंच का इस पर कोई ध्यान नहीं है आपको यह जानकर हैरानी होगी को जो भूमि है शमशान घाट की उस पर सोयाबीन की फ़सल बो रखी है अतिक्रमियो ने उसको भी नही छोड़ा शुक्रवार को हरिमोहन के पिताजी का निधन हो जाने के बाद जब ग्रामीण अंतिम संस्कार के लिए शव लेकर शामशान घाट पहुंचे तो जलाने तक की भूमि नही है उस पर भी अतिक्रमियों ने सोयाबीन बो दिया है शव का दाह संस्कार खड़ी सोयाबीन की फ़सल में ही करना पड़ा ग्रामीण कई बार इसको लेकर प्रशासन को अवगत करवा चुके हैं इससे पहले 1 जुलाई 2020 अनिश्चित कालीन भूख हड़ताल पर बैठे थे शमशान घाट के निर्माण को लेकर तब शमशान भूमि आवंटित कर भूख हड़ताल को खत्म करवाया गया था लेकीन आज तक शमशान घाट का निर्माण कार्य नहीं हो सका इसको लेकर मूंडली के लेखराज मीणा, रामकरण, रामेश्वर, कैलाश, रामावतार, महेंद्र, मुकेश, सुरेंद्र, रणवीर आदि ग्रामीणों में काफी आक्रोश है