सुरेश पारेता 

इटावा (मातृभूमि न्यूज़)। कभी कभी भगवान् को भी भक्तों से काम पड़े। जाना था गंगा पार प्रभु केवट की नाव चढ़े” भजन व्यास पीठ से कथा वाचिका साध्वी रमा देवी मानस मनीषा ने अपने मुखारविंद से श्री रामकथा के सातवें दिन केवट की परम भक्ति का सुंदर वर्णन करते हुए बोला तो श्रोतागण भाव भिवोर हो गए, कई बार भक्तो की आंखों से अश्रु झलक पड़े।

प्रभु श्रीराम लल्ला के अयोध्या मन्दिर में हुई प्राण प्रतिष्ठा के उपलक्ष में कोटड़ा दीपसिंह के जुझारू महाराज पंचमुखी हनुमान मंदिर पर आयोजित संगीतमय श्रीराम कथा का सातवें दिन व्यास पीठ पर श्रीराम चरित मानस का बाबा प्रकाश दास महाराज व महंत बाबा दसरथ दास महाराज ने वैदिक मंत्रों से पूजा अर्चना कर कथा का शुभारंभ करवाया। व्यास पीठ साध्वी रमा देवी मानस मनीषा ने कथा में आगे बताया केवट ने राम-लक्ष्मण और सीता माता को गंगा पार लेकर गए, केवट को निर्मल भक्ति का वरदान देकर प्रभु श्रीराम ने गंगा किनारे पहुंचकर गंगा मैया की पूजा अर्चना की। उसके बाद प्रभु श्रीराम प्रयागराज पहुंचे और ऋषि भारद्वाज से भेंट की। एक रात ऋषि भारद्वाज के आश्रम में विश्राम करने के उपरांत अगले दिन प्रातः काल आगे बढ़े और महर्षि बाल्मीकि के आश्रम में पहुंचने पर ऋषियों ने प्रभु की सुंदर स्तुति गाई।

कथा के बाद कोटा से आए महंत बाबा दसरथ दास महाराज ने सभी भक्तो को आशीर्वचन दिए, आरती के बाद उपस्थित सभी श्रोताओं को प्रसाद वितरण किया गया।

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