सुबह से शाम तक जमे रहे दर्शक
देवीलाल भील
पिपली अहिरान, राजसमंद (मातृभूमि न्यूज़)। प्रसिद्ध समाज सेवी पप्पू लाल कीर (नैनपुरिया) ने बताया कि ग्राम पंचायत नमाना के सांगा का खेड़ा गांव की गवरी मेवाड़ की प्रसिद्ध गवरी है। भील आदिवासी समाज के लोग लोकनृत्य गवरी का मंचन करते हुए। नैनपुरिया में मंगलवार को सांगा का खेड़ा के भील आदिवासी कलाकारों ने लोकनृत्य गवरी का मंचन किया। गवरी देखने के लिए सुबह से शाम तक दर्शक नैनपुरिया में जमे रहे। एक के बाद एक रोचक खेलों का मंचन किया गया।
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गवरी मे मेवाड़ क्षेत्र की पौराणिक कहानियों का जीवन्त वृतान्त होता है। जिसे लोग सुबह से शाम तक देखते हैं। गवरी मेवाड़ का प्रसिद्ध और लोकप्रिय नृत्य है। गवरी में कुल 20 से अधिक खेल होते हैं। जिसमें मुख्य रूप से भस्मासुर संवाद, कान्हा गुजरी, कालू कीर, राजा रानी उनकी बहन अंबा माता, हटिया दानवा, खेतू भोलिया भूत, रींछ पकड़ने वाले महाराज, भूत कालबेलिया का शंकरिया, गाडोलिया का खेल, चित्तौड़ का किला, महाराणा प्रताप, भीलु राणा, भील सेना, बीबू बादशाह दानीजी, गफूरिया मीणा बंजारा सहित कई खेल होते हैं।