अनवरत जागरूकता बढ़ने से परिवारों में परंपरा बन रहा है नेत्रदान
दुष्यंत सिंह गहलोत
कोटा (मातृभूमि न्यूज़)। शास्त्री नगर निवासी अतुल चतुर्वेदी (साहित्यकार, कवि व शिक्षाविद) और आशीष चतुर्वेदी की माता जी श्रीमति माधुरी देवी (81 वर्ष) का आज सुबह निवास स्थान पर आकस्मिक निधन हुआ। माँ की अंतिम इच्छा के अनुसार, तुरंत ही बहू सपना चतुर्वेदी ने संस्था शाइन इंडिया फाउंडेशन को माता जी के नेत्रदान करवाने के लिए संपर्क किया। सूचना मिलने के बाद डॉ कुलवंत गौड़, ईबीएसआर, कोटा चेप्टर के टेक्नीशियन को लेकर सुबह जल्दी ही मौके पर पहुंचे और नेत्रदान का कार्य संपन्न करवाया। ज्ञात हो कि, अतुल ने 7 वर्ष पहले भी पिताजी के निधन के उपरांत बिना समय गवाएं नेत्रदान की प्रक्रिया को संपन्न करवाया था, उस समय माता जी ने भी नेत्रदान की पूरी प्रक्रिया को अपने सामने देखा औऱ समझा। तभी से वह मानती थी कि,नैत्रदान के कारण ही,उनके पति स्व० श्री वीरेंद्र चतुर्वेदी जी किसी दृष्टिहीन की आंखों में रोशनी बन कर जीवित हैं। इसीलिए माधुरी ने भी अपने बेटे और बहुओं को कह दिया था कि,जब भी मेरी मृत्यु होती है तो मेरे नेत्रदान करवाना भी मत भूलना। अतुल ने नेत्रदान प्रक्रिया संपन्न होने के बाद कहा कि, जागरूकता अभियान के कारण आज कोटा का नाम राजस्थान में कॉर्निया संकलन में अग्रणी है, यही एक प्रयास शोक को कम करता है, और पुण्य आत्मा को मोक्ष की प्राप्ति देता है। कवि साहित्यकार व शिक्षाविद होने के नाते मेरा यह कर्तव्य रहेगा कि, कहीं से भी कोई शोक की खबर नदी आती है तो देवमोगरा मीका नेत्रदान का कार्य हो सके। नेत्रदान की प्रक्रिया के दौरान करीबी रिश्तेदार अजय बाहरी, भंवर लाल शर्मा एवं मनीष नकेला भी उपस्थित थे।