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शकील खान
छबड़ा (मातृभूमि न्यूज़)। राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जयपुर एवं अजित कुमार हिंगर, जिला एवं सेशन न्यायाधीश बारां के निर्देशानुसार अध्यक्ष तालुका विधिक सेवा समिति छबड़ा प्रीति नायक (अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश छबड़ा) के द्वारा वृक्षारोपण अभियान के तहत गुरुवार को पौधारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
तालुका सचिव हनुमान सहाय मीणा ने बताया कि वृक्षारोपण कार्यक्रम के तहत गुरुवार को उप कारागृह जेल छबड़ा परिसर में वृक्षारोपण अभियान चलाकर सैकड़ों पौधे लगाए गए। इस अभियान के दौरान फलदार व छायादार पौधे रोपित किए गए। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सुश्री प्रीति नायक अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश छाबड़ा ने वृक्षारोपण करके इस अभियान का शुभारंभ किया। इस वृक्षारोपण कार्यक्रम के दौरान कुल 175 छायादार एवं फलदार पौधों का रोपण किया गया। पौधारोपण के बाद सभी ने उनकी देखभाल करने की शपथ ली और कहा कि वे भविष्य में समय-समय पर पौधा रोपण करते रहेंगे। वृक्षारोपण कार्यक्रम के दौरान जेलर सुरेन्द्र सिंह सीसोदीया, नगर पालिका अध्यक्ष के.सी. बॉस, नगर अध्यक्ष श्री दिग्विजय सिंह गुर्जर एवं कारागृह के स्टॉफ मौजूद रहे। साथ ही अध्यक्ष तालुका विधिक सेवा समिति छबड़ा प्रीति नायक (अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश छबड़ा) के द्वारा उप कारागृह छबड़ा का मासिक निरीक्षण भी किया गया। निरीक्षण के समय जेलर सुरेन्द्र सिंह सीसोदीया उपस्थित रहे। आकस्मिक निरीक्षण में प्रत्येक बंदी से भोजन-पानी एवं जेल में किसी भी प्रकार से हो रही समस्याओं के बारे में पूछा गया तो बंदियों ने बताया कि भोजन एवं पानी पर्याप्त मात्रा में मिल रहा है और हमको अच्छा खाना दिया जा रहा है। जेल पर साफ-सफाई अच्छी पाई गई। शिकायत पेटी को खोल कर देखा तो उसमें कोई शिकायत नही मिली। सब-जेल छबड़ा में निरीक्षण के समय कुल 90 बंदी पाए गए। जेल पर विधिक साक्षरता शिविर का भी आयोजन किया गया। शिविर में वृक्षारोपण के बारे में बताया गया एवं बताया गया कि वृक्ष हमारे जीवन के लिए किस प्रकार से लाभदायक हैं। शिविर में एडीजे नायक द्वारा सभी बन्दियों से अपने-अपने अधिवक्ता के बारे में पूछा कि सभी के पास अधिवक्ता हैं या नहीं है। अगर किसी के पास अधिवक्ता नही है तो उसको विधिक सहायता के तहत तालुका विधिक सहायता समिति छबड़ा के पैनल में से अधिवक्ता उपलब्ध करवाया जा सके। जेल में कैदियों के पास पैरवी करने के लिए अधिवक्ता उपलब्ध नहीं होने पर उन्हें विधिक सहायता के बारे में जानकारी दी गई ओर जेलर को निर्देश दिए कि अगर किसी बंदी का कोई अधिवक्ता नही हो तो उसका फॉर्म भरवाकर सम्बंधित न्यायालय में भेजे ताकि उसको विधिक सहायता के तहत निःशुल्क अधिवक्ता उपलब्ध करवाया जा सके। जेल में निरुद्ध महिला बंदियों के बारे में पूछा गया तो बताया गया कि सब जेल छबड़ा पर कोई महिला बंदी नहीं है और ना ही कोई अव्यस्क बंदी है। निरीक्षण के समय तालुका विधिक सेवा समिति सचिव हनुमान सहाय मीना उपस्थित रहे।