शून्यकाल में सांसद ने उठाया योजना की धीमी चाल का मुद्दा

अमित अग्रवाल

झालावाड़/नई दिल्ली (मातृभूमि न्यूज़)। झालावाड़ बारां सांसद दुष्यंत सिंह ने झालावाड़-बारां लोकसभा क्षेत्र में केंद्र प्रवर्तित योजना जल जीवन मिशन की के प्रभावी कार्यान्वयन की मांग उठाई है। सांसद सिंह ने गुरुवार को शून्यकाल के दौरान सदन कोसंबोधित हुए। उन्होनें राजस्थान में जल जीवन मिशन की धीमी गति का जिम्मेदार राज्य सरकार के असहयोगात्मक रवैये को ठहराया।

उल्लेखनीय है कि सांसद सिंह पहले भी जिला स्तरीय बैठकों में इस विषय पर अपनी चिंता जाहिर करते रहे हैं। सांसद सिंह ने सदन को बताया कि योजना के तहत राज्य सरकार को 2022-23 में 13398 करोड़ रुपये दिए गए हैं। जल जीवन मिशन का उद्देश्य सभी ग्रामीण परिवारों के घर-घर तक पाइप लाइन से पेयजल पहुंचाना है।  यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि राज्य सरकार के असहयोग के कारण   झालावाड़-बारां में इस योजना के क्रियान्वयन में बड़ी बाधा आ रही है। राजस्थान ने जल जीवन मिशन के लिए केंद्रीय आवंटन का 25 प्रतिशत से भी कम उपयोग किया था, जो राज्यों में सबसे कम है। इसने निश्चित रूप से लक्षित लाभार्थियों की अपने घरों में सुरक्षित और स्वच्छ पेयजल तक पहुंच को प्रभावित किया है। यह राजस्थान में स्पष्ट है, जहां केवल लगभग 25 प्रतिशत कार्यात्मक घरेलू नल कनेक्शन हैं, और यह 33 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में से 31वें स्थान पर है। बारां के आकांक्षी जिले में केवल 21.1 प्रतिशत घरों में नल की आपूर्ति है जो राज्य के औसत से बहुत कम है। इसके अलावा, हाल ही में अगस्त के महीने में आई बाढ़ ने भी कई पेयजल स्रोतों को दूषित कर दिया है। सांसद सिंह ने कहा कियह योजना वर्तमान राजस्थान सरकार ने बहुत खराब तरीके से लागू की  है, जिसके कारण  क्षेत्रवासियों को पीने का साफ पानी नहीं मिल पा रहा है, जो  एक मौलिक अधिकार है। क्षेत्र में क्रियान्वयन की दर बेहद धीमी है। राजस्थान जैसे पेयजल की कमी वाले राज्य में यह बहुत महत्वपूर्ण है कि जल जीवन मिशन को कुशलतापूर्वक और तेज़ी से लागू किया जाए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

%d bloggers like this: